हरियाणा। हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 चुनाव होने से पहले ही राजनीतिक दलों ने अपनी घोषणाओं का पिटारा खोलना शुरू कर दिया है। जिनकों लेकर पक्ष -विपक्ष एक दूसरे को घेरने में लग गए है। लेकिन इस मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई कदम आगे निकल गए हैं। पहले उन्होंने हरियाणा में ब्राह्मण उपमुख्यमंत्री बनाने का बयान दिया। जब उस पर सियासी प्रतिक्रिया आने लगी तो फिर ये मामला शांत भी नहीं हुआ था की पूर्व सीएम ने अलग-अलग जातियों के चार उप मुख्यमंत्री बनने की बातकह दी। हुड्डा के इस बयान पर न केवल बीजेपी बल्कि उनके अपने ही घेरते हुए नजर आ रहे हैं। आलम ये है कि अब कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी हुड्डा को चुनौती दे रहे हैं।
दरअसल भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो विपक्षियों के साथ-साथ उनके अपनी ही पार्टी के नेताओं को सही नहीं लग रहा है । हाल ही में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री पद पर भी अपनी प्रबल दावेदारी जताई थी और अब उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में चार डिप्टी सीएम बनाने का भी ऐलान कर दिया है। हालांकि वह कह रहे हैं कि यह 2019 में ही फैसला हो गया था लेकिन उनकी इस बात को उनकी पार्टी के नेता मानने को तैयार नहीं है।
कुमारी शैलजा ने तो इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है। कुमारी सेलेजा ने कहा कि भले ही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह रहे हो कि उन्होंने 2019 में ही कर उपमुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला तैयार कर लिया था। लेकिन उनके अपनी पार्टी के नेता उनके इस फार्मूले पर ही सवाल उठा रहे हैं। उनकी ही पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने सीधे-सीधे उनके फार्मूले को ही चुनौती दे दी है।
कुमारी शैलजा ने कहा कि कांग्रेस में ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं बनाया है। कांग्रेस में कब यह फार्मूला बना और किसने इसकी घोषणा की,उस समय मैं खुद प्रदेश अध्यक्ष थी और कांग्रेस ने ऐसा कुछ तय नहीं किया है। मुख्यमंत्री हो या उपमुख्यमंत्री हाईकमान समय पर तय करता है। हाईकमान ने किसी को भी अधिकृत नहीं किया वह इस तरह की घोषणा करें। कांग्रेस 36 बिरादरी की पार्टी है।
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि फैसला हाईकमान तय करता है ,चाहे मुख्यमंत्री का हो या फिर उपमुख्यमंत्री का हो । उसकी एक लोकतांत्रिक प्रकिया है पहले विधायकदल जीतेंगे फिर विधायकदलों की मीटिंग होगी। कांग्रेस के नेतृत्व पर मंथन किया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व जो चाहेगा वह मुख्यमंत्री बनेगा, कांग्रेस नेतृत्व जो चाहेगा जरुरत पड़ने पर उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है और उपमुख्यमंत्री किसी भी समाज का हो सकता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप कहा होगा कि उनको भी हम प्रतिनिधित्व करने का मौका देंगे। लेकिन ये सारा फैसला केवल हाईकमान का होता है। सामने वाले कि क्या सोच है, डिप्टी सीएम बहुत प्रदेशों में बनते हैं,एक भी बनते हैं दो भी बनते हैं। लेकिन कभी कोई इस ढंग से ऐलान करता है कि उन जातियों को चीर-फाड़ के कि मैं इस जाति का डिप्टी सीएम बना दूंगा। इसका मतलब है कि आपने जातियों को राजनीति में इस तरीके से धकेल दिया कि डेमोक्रेसी का चीरहरण कर दिया। ये बेहद निंदनीय है।