हरियाणा में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में अदालतों ने सख्त फैसला सुनाया है। गुरुग्राम और भिवानी में दोषियों को 20-20 साल कैद और जुर्माने की सजा दी गई है।
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Toggleगुरुग्राम: 15 साल की लड़की से दुष्कर्म, आरोपी को 20 साल कैद
गुरुग्राम की एडिशनल सेशन जज अश्वनी कुमार की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह मामला सवा पांच साल पुराना है, जब आरोपी खुद भी नाबालिग था।
मामले का घटनाक्रम:
- 26 नवंबर 2019: पीड़िता के माता-पिता ने गुरुग्राम के शिवाजी नगर थाने में अपनी 15 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
- पुलिस जांच: पता चला कि एक युवक ने लड़की को जबरन अगवा कर कई दिनों तक अपने साथ रखा।
- मेडिकल रिपोर्ट: पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर मेडिकल जांच कराई, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ीं।
- गिरफ्तारी और चार्जशीट: आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने सबूत और गवाह जुटाए और अदालत में पेश किया।
अदालत का फैसला
गुरुवार को कोर्ट ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया और 20 साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
पुलिस का बयान
गुरुग्राम पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने कहा कि यह फैसला ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के लिए एक सख्त संदेश है।
भिवानी: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद और 3.05 लाख का जुर्माना
भिवानी की फास्ट ट्रैक कोर्ट (पॉक्सो) ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी उमेद सिंह को 20 साल कैद और 3.05 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी भिवानी के रिवासा गांव का रहने वाला है और उसके खिलाफ वर्ष 2023 में मामला दर्ज किया गया था।
कोर्ट का फैसला:
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पाराशर की अदालत ने 6 पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग सजाएं सुनाईं—
- पॉक्सो एक्ट: 20 साल कैद और 2.50 लाख रुपये जुर्माना
- धारा 366 (अपहरण कर शादी के लिए मजबूर करना): 7 साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना
- धारा 363 (नाबालिग का अपहरण): 3 साल कैद और 40 हजार रुपये जुर्माना
- धारा 344 (गलत तरीके से कैद में रखना): 1 साल कैद और 5 हजार रुपये जुर्माना
अगर आरोपी जुर्माने की राशि अदा नहीं करता, तो उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
2023 में दर्ज हुआ था मामला
सिवानी थाना पुलिस ने वर्ष 2023 में मामला दर्ज किया था। पीड़िता के पिता ने अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और सबूतों के आधार पर अदालत में पेश किया।
अदालत ने नहीं बरती कोई नरमी
सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले को बेहद गंभीर माना और सजा में कोई नरमी नहीं बरती। न्यायालय ने कहा कि इस तरह के अपराध समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस की प्रतिक्रिया
भिवानी पुलिस ने इस फैसले को न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम बताया और कहा कि इससे पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।
न्याय का कड़ा संदेश
गुरुग्राम और भिवानी में आए इन दोनों फैसलों से यह साफ हो गया है कि अदालतें नाबालिगों से यौन अपराधों के मामलों में सख्त रवैया अपना रही हैं। यह फैसले समाज में बाल सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम माने जा रहे हैं।
(Alakh Haryana के लिए विशेष रिपोर्ट)