गौरतलब है कि 2012 में खेमका ने भूमि उपयोग विभाग में महानिदेशक और पंजीकरण विभाग में महानिरीक्षक रहते हुए डीएलएफ और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के बीच 3.5 एकड़ जमीन का उपयोग बदलने वाला सौदा रद्द कर दिया था।
स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा से जुड़ी हुई कंपनी है। भाजपा ने इस सौदे में धांधली का आरोप लगाया था।
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खेमका ने ट्वीट किया है, ‘‘क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे? जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दा बने, उनमें नौ साल बाद किसे दंड मिला?”
उन्होंने कहा, “आयोगों पर करोड़ों खर्च हुए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा? जिन्हें कटघरे में होना चाहिए था, वही शासक बने बैठे हैं। यह कैसी न्याय नीति है?’’
2014, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका ने सवाल किया कि 2014 के चुनावों में बड़ा मुद्दा बने घोटालों में किसे सजा हुई। उन्होंने जानना चाहा कि क्या भ्रष्टाचार सिर्फ चुनावी मुद्दा बनने तक सिमटकर रह जाएगा।