जींद: हरियाणा के जींद नगर परिषद में बंदर पकड़ने के नाम पर हुए घोटाले की जांच अब विजिलेंस विभाग द्वारा की जाएगी। हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसके बाद जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है।
6,000 बंदर पकड़े जाने के बाद भी आतंक जारी!
नगर परिषद ने दावा किया था कि शहर से 6,000 बंदर पकड़े गए हैं, लेकिन लोगों को कोई राहत नहीं मिली। बंदरों के झुंड अभी भी शहर में घूम रहे हैं और लोगों को काट रहे हैं। इसको लेकर शहरवासियों ने डिप्टी स्पीकर से शिकायत की और घोटाले की आशंका जताई।
कंपनी को मिला था ठेका, 1.02 करोड़ रुपये हुए थे खर्च!
नगर परिषद ने बंदर पकड़ने के लिए एक कंपनी को ठेका दिया था और प्रति बंदर 1,700 रुपये का भुगतान किया गया। यानी कुल 1.02 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन बंदरों की समस्या जस की तस बनी रही। इस पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की गई थी।
विजिलेंस करेगी जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव कार्यालय ने एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) के एडीजीपी को पत्र लिखकर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। सभी संबंधित दस्तावेज विजिलेंस को सौंप दिए गए हैं।
डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि अगर घोटाला हुआ है, तो विजिलेंस की जांच में सामने आ जाएगा और भ्रष्टाचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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