झज्जर | हरियाणा के झज्जर जिले के धारौली गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक सप्ताह पहले सगी बहनें अपने ही घर में आग में झुलस गईं। इस दर्दनाक हादसे में छोटी बहन निधि (25) की मौत हो गई, जबकि बड़ी बहन कोमल (30) रोहतक PGI में गंभीर हालत में भर्ती है। पहले यह हादसा माना जा रहा था, लेकिन अब पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी।
शादी से इनकार पर जला डाला: आरोपी जेठ गिरफ्तार
इस सनसनीखेज वारदात के पीछे कोमल का सगा जेठ नरेंद्र निकला, जिसकी उम्र 45 साल है। वह अपनी पत्नी की छोटी बहन निधि से शादी करना चाहता था, जो उससे 20 साल छोटी थी। जब निधि ने प्रस्ताव ठुकरा दिया तो आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से दोनों बहनों को खत्म करने की साजिश रची।
रात 12 बजे घर में डीजल डालकर लगाई आग
जांच में सामने आया है कि 27 अप्रैल की रात नरेंद्र ने अपने दो साथियों के साथ पहले रेवाड़ी जिले के एक पेट्रोल पंप से डीजल खरीदा। फिर धारौली गांव स्थित घर की खिड़की से भीतर डीजल डाला और आग लगा दी। घटना के समय दोनों बहनें सो रही थीं। आग की लपटों में निधि की चारपाई जल गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कोमल झुलसकर घायल हो गई।
CCTV फुटेज से हुआ पर्दाफाश
कोमल के चचेरे भाई पूरनमल ने खुद गांव में लगे CCTV कैमरे खंगाले और पुलिस को सबूत सौंपे। फुटेज में एक सफेद कार घटनास्थल के पास दिखी, जो नरेंद्र की निकली। कार की नंबर प्लेट पर कीचड़ और शैंपू लगाकर उसे पहचानने से बचाने की कोशिश की गई थी।
पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में
शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे महज एक हादसा माना, लेकिन पूरनमल की सतर्कता और CCTV सबूतों के चलते असलियत सामने आई। पूरनमल का आरोप है कि नरेंद्र के साथ कार में मौजूद दो अन्य लोग भी वीडियो में दिख रहे हैं, पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही। उसने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस इन दो आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस का पक्ष
साल्हावास थाने के जांच अधिकारी ASI संदीप ने बताया कि मुख्य आरोपी नरेंद्र पुलिस रिमांड पर है और उससे पूछताछ जारी है। उसके साथियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। साथ ही रोहतक PGI में भर्ती कोमल के बयान दर्ज करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मासूम ख्वाहिश का बेरहम अंजाम
यह मामला ना सिर्फ रिश्तों की मर्यादा को शर्मसार करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह ‘ना’ सुनने में असमर्थ पुरुष मानसिकता समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। निधि को उसकी मर्जी से जीने का अधिकार नहीं मिला, और उसकी जिंदगी जला दी गई।