हरियाणा के प्रतिष्ठित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (PGIMS), रोहतक में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक 12वीं पास युवक, साहद, खुद को डॉक्टर बताकर पिछले कई दिनों से मरीजों का इलाज कर रहा था।
चौंकाने वाली बात यह है कि साहद, अपने UK से MBBS कर चुके दोस्त कृष्ण गहलावत की जगह अस्पताल में ड्यूटी कर रहा था। कृष्ण जून 2025 से अस्पताल नहीं आया, लेकिन उसकी जगह साहद मरीज देखता रहा।
कैसे हुआ भंडाफोड़?
गुरुवार को अस्पताल स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को साहद पर शक हुआ। जब उससे ID कार्ड मांगा गया तो वह कोई वैध पहचान नहीं दिखा पाया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह केवल 12वीं पास है और पेशेंट केयर असिस्टेंट (PCA) का डिप्लोमा किया हुआ है। इसके बावजूद वह खुद को इंटर्न डॉक्टर बताकर आर्थो डिपार्टमेंट में काम कर रहा था।
FIR में दोनों दोस्त आरोपी
PGIMS थाना प्रभारी रोशन लाल ने बताया कि साहद को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। कृष्ण गहलावत को भी इस केस में आरोपी बनाया गया है, जो कंसाला गांव का रहने वाला है। पुलिस उसके खिलाफ भी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
स्वास्थ्य सुरक्षा पर बड़ा सवाल
PGI जैसे संस्थान में इस प्रकार का फर्जीवाड़ा सामने आना स्वास्थ्य सुरक्षा और प्रशासनिक सतर्कता पर बड़ा प्रश्नचिह्न है। अब यह देखना होगा कि इस चूक के लिए संस्थान प्रशासन क्या कदम उठाता है और दोषियों को क्या सजा मिलती है।