हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की संदिग्ध मौत का मुद्दा हावी रहा। कांग्रेस विधायकों ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के पोस्टर लहराते हुए जमकर नारेबाजी की। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही छह बार स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार स्पीकर ने विपक्ष के ‘काम रोको प्रस्ताव’ को मंजूरी दे दी।
कांग्रेस का हंगामा और पोस्टरबाजी
प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक पोस्टर लेकर वेल में आ गए। उनका कहना था कि मनीषा की मौत पूरे प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
सीएम सैनी और हुड्डा आमने-सामने
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार केस की जांच को लेकर गंभीर है और पुलिस ने तेजी से काम किया है। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति करने के बजाय निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को न्याय पर फोकस होना चाहिए।
स्पीकर ने छह बार रोकी कार्यवाही
लगातार नारेबाजी की वजह से स्पीकर हरविंद्र कल्याण को सदन की कार्यवाही छह बार रोकनी पड़ी। अंततः शाम करीब 6 बजे 26 अगस्त को मनीषा केस पर चर्चा तय हुई।
कांग्रेस की रणनीति
सत्र से पहले चंडीगढ़ में कांग्रेस की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि पूरे सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था और मनीषा केस को लेकर सरकार को घेरा जाएगा।
मनीषा केस क्या है?
भिवानी के ढाणी लक्ष्मण की मनीषा 11 अगस्त को स्कूल के लिए घर से निकली थी। 13 अगस्त को उसका शव संदिग्ध हालत में मिला। परिवार ने पुलिस पर लापरवाही और बदसलूकी के आरोप लगाए। भारी विरोध के बाद यह केस अब CBI जांच को सौंपा जा रहा है।
विधानसभा सत्र का शेड्यूल
-
सत्र 27 अगस्त तक चलेगा
-
23 और 24 अगस्त को अवकाश रहेगा
-
पहले दिन शोक प्रस्ताव के साथ कार्यवाही शुरू हुई