Hacklinkholiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
marsbahis
tarafbet
marsbahis giriş
tarafbet giriş
extrabet
extrabet giriş
bayan escortMarkajbet TwitterShowbet TwitterBetlesene TwitterBetlesene Giriş Twittermarsbahisfethiye escortcasibom girişbets10 girişbettilt twittercasibomslot sitelerijojobetfethiye escortfethiye escortescort esenyurtbahçeşehir escortısparta escortmaltepe escortescortkepez escortankara evden eve nakliyatlokmanakliyatmaltepe evden eve nakliyatevden eve nakliyatgölcük evden eve nakliyattuzla evden eve nakliyateskişehir uydu tamirtuzla evden eve nakliyatistanbul evden eve nakliyateskişehir uydu tamireskişehir uydu tamirvalizweb sitesi yapımıkorsan taksiMedyumlarMedyumEtimesgut evden eve nakliyatEtimesgut evden eve nakliyatmaldives online casinoseo çalışmasıgoogle adsEtimesgut evden eve nakliyateskişehir web sitesiseo fiyatlarıMedyumAntika alanlarAntika alanlarAntika alanlarAntika alanlarAntika Eşya alanlarAntika Eşya alanlarantikaikinci el kitap alanlarweb sitesi yapımıantika alan yerlerantika alan yerlerkitap alan yerlerkitap alan yerlerbalık turudijital danışmanlıkgoogle ads çalışmasıEskişehir Web Tasarımİstanbul Antalya evden eve nakliyatbeşiktaş yıkım kırımbeşiktaş yıkım kırımbeşiktaş yıkım kırımtuzla evden eve nakliyatMedyumlarproduction agency toronto diyarbakır escort beylikdüzü escort beykent escort masaj salonu beylikdüzü masaj salonu masaj salonları escort esenyurt sonbahis Çerkezköy escort masöz trabzon escort imajbet imajbet giriş imajbet güncel giriş extrabet extrabet giriş extrabet güncel giriş imajbet imajbet giriş hatay escort slot siteleri deneme bonusu Evden eve nakliyat Yalova Escort Yalova Escort Mersin Escort Mersin Akdeniz escort keçiören evden eve nakliyat izmir falci Tekirdağ escort Mersin Çağdaşkent escort bahiscasino bahiscasino giriş eskişehir aile hukuku avukatı Biorezonans terapi Mersin escort bayan Etimesgut evden eve nakliyat pendik evden eve nakliyat tarsus evden eve nakliyat ankara parca esya tasıma istanbul eskişehir arası nakliyat istanbul bursa ambar bakırköy lastik yol yardım Asansörlü evden eve nakliyat eskişehir vergi hukuku avukatı Mersin Escort Eskişehir Escort Mersin Escort ataköy yıkım kırım mamak evden eve nakliyat bağcılar korsan taksi ankara kilit taşı ustası tuzla evden eve nakliyat rolex saat ankara kilit taşı döşeme ankara kilit taşı döşeme Evden eve nakliyat fiyatları mamak evden eve nakliyat ankara asansörlü nakliyat pendik korsan taksi eta saat keçiören evden eve nakliyat mersin evden eve nakliyat İstanbul Yıldızname Bakımı Bursa Yıldızname Bakımı Sakarya Yıldızname Bakımı Gaziantep Yıldızname Bakımı Antep Medyum Hatay Medyum Kemer Escort Çeşme Escort
  • Mon. Dec 22nd, 2025

“NAAC की नई मान्यता प्रणाली: क्या MDU को मिलेगी राहत? और कैसे MDU का ‘सफाइनामा’ बन गया कबूलनामा”

“NAAC की नई मान्यता प्रणाली: क्या MDU को मिलेगी राहत? और कैसे MDU का ‘सफाइनामा’ बन गया कबूलनामा”

NAAC (National Assessment and Accreditation Council) ने 5 दिसंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक नोटिस जारी कर देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को नई मान्यता प्रणाली के बारे में अवगत कराया है। यह नोटिस उन संस्थानों के लिए विशेष महत्व रखता है, जिनकी NAAC मान्यता 27 जनवरी 2024 के बाद समाप्त हो चुकी है या समाप्त होने वाली है—क्योंकि NAAC ने अब ऐसी सभी संस्थाओं को MBGL प्रणाली लॉन्च होने के बाद तीन महीने की अस्थायी वैधता प्रदान करने का निर्णय लिया है।

नई प्रणाली में Basic (Binary) Accreditation और उसके बाद Maturity-Based Graded Levels (MBGL) शामिल होंगे, जिन्हें Dr. Radhakrishnan Committee की सिफारिशों पर आधारित बताया गया है। साथ ही, संस्थान चाहें तो नई Basic Accreditation प्रक्रिया को भी अपना सकते हैं।
हालाँकि NAAC ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस अस्थायी राहत के दौरान सभी संस्थानों को अपने IQAC के माध्यम से गुणवत्ता मानकों में सुधार जारी रखना अनिवार्य होगा।

क्या MDU रोहतक को भी मिलेगी राहत?

इस सवाल पर प्रदेशभर की नज़रें टिकी हैं, क्योंकि महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU), रोहतक की NAAC A+ मान्यता मार्च 2024 में समाप्त हो चुकी है। विश्वविद्यालय ने समय पर IIQA दाखिल नहीं किया था, जिसके कारण उसकी पुरानी A+ मान्यता तकनीकी रूप से स्वतः समाप्त हो गई।

नई NAAC नोटिस के अनुसार, चूँकि MDU की मान्यता समाप्त होने की तिथि 27 जनवरी 2024 के बाद है, इसलिए विश्वविद्यालय अस्थायी वैधता पाने के पात्रों की श्रेणी में आता है।हालाँकि यह राहत MBGL प्रणाली कब लॉन्च होती है, इस पर निर्भर करती है।

लेकिन राहत से पहले… MDU का सफाइनामा क्यों बना कबूलनामा?

NAAC मान्यता समाप्त होने को लेकर उठी आलोचनाओं के बाद MDU ने हाल ही में दो पेज का सफाइनामा जारी किया। लेकिन यह सफाई विवाद को कम करने के बजाय और बढ़ा गई। रिपोर्ट का विश्लेषण बताता है कि—NAAC की A+ मान्यता को लेकर रोहतक स्थित महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय पर चारों तरफ़ से उठ रही आलोचनाओं के बीच विश्वविद्यालय की ओर से दो पेज का सफाइनामा जारी किया गया है। स्पष्टीकरण में कोशिशें तो खूब की गई हैं कि तथ्यों को घुमाया जाए, लेकिन हज़ार कोशिशों के बाद भी यह बचाव असफल रहा। इस रिपोर्ट में हम MDU के सफाइनामे का पोस्टमार्टम करेंगे और बताएँगे कि कैसे यह सफाई, वास्तव में MDU का कबूलनामा बन गई।

सरकारी विश्वविद्यालय, लेकिन नियम-कायदों से बेपरवाह

महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय कहने को तो एक सरकारी विश्वविद्यालय है, लेकिन हालिया घटनाक्रम से यह साफ़ होता है कि यह किसी नियम-कायदे को गंभीरता से नहीं लेता। UGC की चेतावनी भी इस पर कोई असर नहीं छोड़ती। NAAC की A+ मान्यता का मामला जब छात्र नेताओं और राजनीतिक नेताओं ने उठाया तो हर ओर से आलोचना (थू-थू) शुरू हो गई। दबाव बढ़ा तो आनन-फानन में सफाइनामा तो जारी कर दिया गया, लेकिन इस सफाई के बाद कई सवाल पहले से भी ज्यादा गहराए हैं।

विश्वविद्यालय ने अपने बयान में NIRF रैंकिंग, शोध उपलब्धियों और नई NAAC प्रणाली का ज़िक्र तो किया, लेकिन यह नहीं बताया कि समय पर IIQA और SSR फाइल क्यों नहीं की गई, जबकि यह मान्यता जारी रखने की सबसे बुनियादी शर्त थी।

समय पर IIQA न भरना—यही असली गलती, लेकिन सफाई में चुप्पी

याद रहे कि NAAC की पुरानी मान्यता मार्च 2024 में समाप्त हो गई थी। नियमों के अनुसार MDU को 27 सितंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच IIQA (Institutional Information for Quality Assessment) फ़ॉर्म जमा करना था।
सफाइनामे में यह कहा गया है कि “नियम बदल रहे थे, इसलिए प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी”—लेकिन यह दावा वास्तविकता से मेल नहीं खाता, क्योंकि इसी अवधि में देशभर के विश्वविद्यालयों ने पुराने ढांचे के तहत आवेदन किया और उन्हें NAAC की मान्यताएँ व ग्रेड भी मिले।

MDU ने इस दौरान IIQA दाखिल नहीं किया, जिसके कारण मान्यता स्वतः समाप्त हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि सफाइनामे में इस सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया गया।

 

नई NAAC प्रणाली का हवाला—लेकिन तथ्य कुछ और कहते हैं 

विश्वविद्यालय ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि NAAC नई प्रणाली लागू कर रहा था, इसलिए पुरानी पद्धति में आवेदन नहीं किया गया।

जबकि तथ्य यह हैं:

नई प्रणाली जुलाई 2024 और जनवरी 2025 से लागू होनी थी।

मार्च 2024 तक पुरानी प्रक्रिया पूरी तरह चालू थी।

देश के दर्जनों विश्वविद्यालयों ने इसी अवधि में आवेदन किया और मान्यता प्राप्त की।

इससे साफ़ है कि नई पद्धति का हवाला देना वास्तविक कारण नहीं माना जा सकता।

मान्यता खत्म, लेकिन वेबसाइट पर अपडेट नहीं—पारदर्शिता पर बड़ा सवाल

NAAC की वेबसाइट पर MDU की A+ मान्यता मार्च 2024 में समाप्त दिख रही है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय की अपनी वेबसाइट पर यह बदलाव आज तक अपडेट नहीं किया गया। इससे छात्रों, अभिभावकों और अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति बनी रही।

सवाल यह भी उठता है—
क्या छात्रों को “NAAC की A+ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय” कहकर एडमिशन दिलाना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है?

‘हम NAAC के संपर्क में थे’—तकनीकी रूप से असंभव दावा

MDU ने दावा किया है कि वह NAAC के संपर्क में था और पुरानी A+ ग्रेड जारी रखने का अनुरोध किया गया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह दावा तकनीकी रूप से गलत है, क्योंकि NAAC में मान्यता अवधि बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।

यह दावा भी सफाइनामे पर और अधिक सवाल खड़े करता है।

मीडिया पर आरोप, लेकिन असली सवालों पर चुप्पी

स्पष्टीकरण के अंत में विश्वविद्यालय ने मीडिया से “अधूरी और राजनीतिक जानकारी” न चलाने की अपील की है।
हालाँकि पूरे बयान में यह नहीं बताया गया कि—

IIQA समय पर क्यों नहीं भरा गया?

जिम्मेदारी किसकी थी?

किस आदेश के आधार पर आवेदन टाला गया?

छात्रों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई?

निष्कर्ष: सफाइनामा नहीं, कबूलनामा

MDU का स्पष्टीकरण कई उपलब्धियों और प्रक्रियाओं का ज़िक्र करता है, लेकिन NAAC मान्यता समाप्त होने के मूल कारण को स्पष्ट नहीं करता। समय पर IIQA दायर न करना ही A+ ग्रेड समाप्त होने का वास्तविक कारण प्रतीत होता है—और इसी बिंदु पर विश्वविद्यालय की चुप्पी सबसे बड़ा सवाल खड़ा करती है।

सबसे गंभीर प्रश्न यह है कि—

A+ ग्रेड समाप्त हुए डेढ़ साल से अधिक का समय हो चुका है; फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन की कान पर जूँ तक क्यों नहीं रेंगी? UGC की चेतावनी के बाद भी MDU की वेबसाइट पर आज तक NAAC की A+ मान्यता चस्पा क्यों है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *