यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने डब्ल्यूएफआई और देश के पहलवानों को बड़ा झटका दिया है । दरअसल यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी है। यह फैसला यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने दी गई समय सीमा में डब्ल्यूएफआई के नए पदाधिकारियों के चुनाव नहीं कराए जाने लिया है। मई के अंत में यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने चुनाव के बारे में जानकारी नहीं देने पर भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करने की भी धमकी दी।
जिसके बाद 12 अगस्त को कुश्ती संघ का चुनाव होना था लेकिन इससे एक दिन पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी।इसके बाद भी भारतीय कुश्ती संघ ने चुनाव को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।
महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण का मामला उजागर होने के बाद दुनियाभर में भारतीय कुश्ती संघ की बदनामी तो हुई ही साथ ही।
दरअसल मामला ये था कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने मई में भारतीय कुश्ती संघ को 45 दिनों के अंदर चुनाव करवाने को लेकर एक बयान जारी किया था था। पहले 7 मई को चुनाव होने थे लेकिन लेकिन खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया था।इसके बाद करीब 3 महीने होने के बाद भी चुनाव को कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई । इसी वजह से यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने यह एक्शन लिया है।
जिसके बाद 12 अगस्त को कुश्ती संघ का चुनाव होना था लेकिन इससे एक दिन पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी।इसके बाद भी भारतीय कुश्ती संघ ने चुनाव को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। असम हाईकोर्ट भी भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लगा चुका है। चुनाव पहले 11 जुलाई को होने थे। मगर असम रेसलिंग एसोसिएशन अपनी मान्यता को लेकर कोर्ट पहुंच गया। जिस पर सुनवाई करते हुए असम हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद 12 अगस्त को कुश्ती संघ का चुनाव होना था लेकिन इससे एक दिन पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी।इसके बाद भी भारतीय कुश्ती संघ ने चुनाव को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।
आपकोबत दे की भारतीय कुश्ती में पिछले कुछ महीनों से बवाल मचा हुआ है। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों ने तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसको लेकर पहलवानों ने काफी समय तक धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। पदाधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद एडहॉक कमेटी फेडरेशन का काम संभाल रही थी। खेल मंत्रालय द्वारा ये फैसला भारतीय महिला पहलवानों द्वारा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाने का बाद लिया गया था।
अब कुश्ती संघ पर बैन लगने के बाद भारतीय पहलवानों को आगामी विश्व चैंपियनशिप में भारतीय झंडे के नीचे प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं होगी। भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलिंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में ‘तटस्थ एथलीटों’ के रूप में खेलना होगा।