रोहतक। रोहतक में मोदी की गूंजो के बीच कांग्रेस को अबकी बार अपना गढ़ बचाना भारी पड़ता हुआ नज़र आ रहा है। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रोहतक में अबकी बार कांग्रेस को खुद अपनी नैया डूबती नज़र आ रही है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद पूरा रोहतक मोदी के नाम से गूंज उठा। भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखकर लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 2024 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव में गढ़ को बचाना चुनौती रहेगी।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस अभी से पहले ही चुनावी मैदान में आमने -सामने हो गए हैं। एक तरफ भाजपा के मनीष ग्रोवर जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत कलानौर खंड में तीन दिन से पसीना बहा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का सोमवार को रोहतक शहर के पुराने आईटीआई मैदान में पिछड़ा वर्ग का बड़ा सम्मेलन होने जा रहा है।
आपको बता दें कि हरियाणा में रोहतक को सियासी राजधानी के रूप में माना जाता है। रोहतक से जीतकर ही प्रदेश से देश के पहले उप प्रधानमंत्री 1989 में ताऊ देवीलाल बने थे। साथ ही 1966 में प्रदेश में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने पंडित भगवत दयाल शर्मा भी रोहतक से थे। 1987 में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बने डॉक्टर मंगलसेन भी रोहतक शहर से विधायक थे। इसके अलावा 10 साल मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रोहतक से हैं, जबकि 2014 से अब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहे करनाल से विधायक हैं, लेकिन उनका जन्म रोहतक के निंदाना गांव में हुआ था। उनका बचपन बनियानी गांव में बीता है। इतना ही नहीं, भाजपा का प्रदेश कार्यालय भी रोहतक में ही है।
2019 में जब पहली बार हारी कांग्रेस
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के डॉक्टर कहे जाने वाले अरविंद शर्मा ने दीपेंद्र हुड्डा को उनके ही गढ़ से हराकर सभी को चौंका दिया था। 1999 के बाद पहली बार कांग्रेस हारी थी, लेकिन छह माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा जिले की चारों विधानसभा रोहतक शहर, महम, कलानौर व गढ़ी सांपला सीट हार गई थी, जबकि लोकसभा चुनाव में रोहतक शहर और कलानौर से पार्टी को लीड मिली थी।
रोहतक लोकसभा चुनाव की विजेता पार्टी का रिकॉर्ड –
1951 में रणबीर हुड्डा कांग्रेस से ,1957 में रणबीर हुड्डा कांग्रेस से ,1962 में लहरी सिंह जनसंघ पार्टी से ,1967 में रणधीर सिंह कांग्रेस से ,1971 में मुख्तार सिंह भारतीय जनसंघ से ,1977 में शेर सिंह भारतीय लोकदल पार्टी से ,1980 में स्वामी इंद्रवेश भारतीय जनता पार्टी (एएस) से ,1984 में हरद्वारी लाल कांग्रेस पार्टी से ,1987 में हरद्वारी लाल लोकदल से ,1989 में देवीलाल हलोदरा से ,1991 में भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से ,1996 में भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से ,1998 में भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस पार्टी से ,1999 में कैप्टन इंद्र सिंह इनेलो पार्टी से ,2004 में भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से ,2005 में दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से ,2009 में दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से ,2014 में दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से ,2019 में डाॅ. अरविंद शर्मा भाजपा पार्टी से विजेता बने।