Amritpal Arrest, कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले के रोडे से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। बठिंडा वायु सेना स्टेशन से अमृतपाल को लेकर एक विशेष विमान असम के डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पहुंचा, जहां से उसे केंद्रीय कारागार ले जाया गया।
अमृतपाल और उसके समर्थकों ने हथियारों के साथ पिछले महीने एक थाने पर धावा बोला था जिसे देश के सुरक्षा तंत्र द्वारा एक चुनौती के रूप में देखा गया था। इससे पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद का खतरा मंडराने लगा जो राज्य में 1980 के दशक में और 1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में देखने को मिला था।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुखचैन सिंह गिल ने कहा, अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान चलाया। पंजाब पुलिस को अमृतपाल के रोडे गांव में होने का पता चला था। पुलिस ने गांव में उसे चारों तरफ से घेर लिया था।
अमृतपाल को सुबह 6.45 बजे रोडे में हिरासत में लिया गया। आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और अमृतपाल को पिछले साल इस गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
अमृतपाल एक गुरुद्वारे में छिपा हुआ था और पंजाब पुलिस ने कट्टरपंथी उपदेशक को चारों तरफ से घेर लिया। उसे कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया।
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बठिंडा वायु सेना स्टेशन से लगभग 2,000 किलोमीटर दूर असम के डिब्रूगढ़ के लिए विशेष उड़ान, दोपहर 2.20 बजे डिब्रूगढ़ में उतरी। सशस्त्र पुलिस कर्मियों के घेरे में उसे चिकित्सा जांच और अन्य औपचारिकताओं के लिए ले जाया गया और अंततः उसे केंद्रीय जेल भेज दिया गया। इसी जेल में पिछले कुछ हफ्तों में उसके नौ अन्य सहयोगियों को पंजाब से लाकर रखा गया है।
गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद एक वीडियो सामने आया, जिसमें कट्टरपंथी उपदेशक एक संक्षिप्त संबोधन देते हुए दिखाई दे रहा है, जिसमें वह संकेत दे रहा है कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है।
एक अन्य क्लिप में वह भिंडरावाले की तस्वीर के सामने बैठा दिखाई दे रहा है। भिंडरावाले 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए विवादास्पद सैन्य अभियान में मारा गया था।