हरियाणा।हरियाणा में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का उपयोग कर कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों को सिंचाई के लिए 3 एच0पी0 से 10 एच0पी0 तक के सौर ऊर्जा पम्प पर लगवाने पर 75 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
इस संबंध में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग विभाग के महानिदेशक एस नारायणन ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में किसानों के लिए यह एक अहम पहल शुरू की गई है, जो राज्य के किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा वित वर्ष 2023-24 में किसानों के लिए 70,000 पम्प लगाने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग द्वारा अब तक राज्य में 64,902 सौर ऊर्जा पम्प लगाए जा चुके हैं और 26,798 पम्पों की स्थापना का कार्य चल रहा है।
उन्होंने ने बताया कि हरियाणा इस योजना को क्रियान्वित करने में देश भर में द्वितीय स्थान पर है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से 1 एच.पी. से 10 एच.पी. तक के वर्ष 2019-2021 के लंबित इलैक्ट्रिक ट्यूबवेल कनैक्शन भी सोलर पम्प पर दिए जाएगें। इसके अलावा गौशालाओं, वाटर यूजर एसोसिएशन, सामूहिक सिंचाई सिस्टम अपनाने वालों को भी सिंचाई के लिए 75 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा पंप दिए जांएगे।
उन्होंने बताया कि इस चरण मे सोलर पम्प लगवाने के इच्छूक किसानों को 7 नवम्बर 2023 तक saralharyana.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा। इसके लिए आवेदक के नाम पर कृषि भूमि की जमाबन्दी, फर्द व परिवार पहचान पत्र दस्तावेज की प्रति साथ लगानी होगी तथा आवेदक के परिवार के नाम पर सोलर पम्प का कनैक्शन या बिजली आधारित पंप नही होना चाहिए।
महानिदेशक ने बताया कि इस वर्ष के लक्षित लाभार्थीयों के यदि आवेदन अधिक आ जाते हैं तो लाभार्थियों का चयन परिवार की वार्षिक आय व भूमि धारण के आधार पर किया जाएगा। लक्षित लाभार्थियों को इसके उपरांत दोबारा पोर्टल पर जाकर सरकार द्वारा सूचीबद्ध कम्पनी का चयन करके लाभार्थी का हिस्सा जमा करवा सकेंगे, जिसकी सूचना किसानों को पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर प्राप्त होगी। किसान अपने खेत के साईज, पानी के लेवल और पानी की जरूरत के अनुसार टाईप और पम्प का चयन कर सकेगे। किसान को अपने खेत में केवल बोर करवाकर ही देना होगा बाकि पम्प स्थापित करने का कार्य फर्म द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सोलर पम्प किसानों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 5 साल की वारंटी और प्राकृतिक आपदाओं, चोरी व सेंधमारी आदि के लिए बीमा कवर के साथ स्थापित किए जाते है। सौर पम्प न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं बल्कि इससे खेती की लागत भी कम होगी। सौर पम्पों के मॉड्यूल 25 वर्ष तक चलाए जा सकते है और यह पम्प केवल दिन के समय ही चलाए जाते हैं, इसलिए किसानों को रात के समय सिंचाई के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
सोलर पम्प संबंधित किसी प्रकार की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में परियोजना अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग एवं मुख्यालय के कार्यालय के दूरभाष न. 0172-3504085 पर प्रात 9ः00 से सांय 5ः00 बजे तक सम्पर्क कर सकते है।