चरखी दादरी : Alakh Haryana News ( शिव योगी )जिले के किसानों की लंबित मांगों को लेकर भाकियू पदाधिकारियों ने क्षेत्र के दस गांवों का दौरा कर ग्रामीण कमेटियों का गठन किया तथा मुआवजा वितरण, मौजूदा नुकसान की रिपोर्ट में सौ फिसदी नुकसान दर्ज करने, बिजली बिलों का सेंडरी चार्ज खत्म करने समेत अन्य मांगों को लेकर सरकार की लचर व्यवस्था पर नारेाबजी भी की।
भाकियू अध्यक्ष की अध्यक्षता में संचालित पदयात्रा के तहत गांव कारीमोद, कारी आदू, कारी धारणी, खोरड़ा, आर्यनगर में किसान बैठकों को संबोधित करते हुए भाकियू महासचिव महेन्द्र जेवली ने कहा कि देश व प्रदेश में पहली गरीब किसान मजदूर वर्ग की बजाए अमीर लोगों के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक संकेत है। आज कृषि व्यवस्था, मनरेगा योजना का बजट में कमी आने से कृषक व ग्रामीण क्षेत्र का बेरोजगार तबका अपने आपको उपेक्षित दौर से गुजर रहा है।
किसान नेताओं ने सरकार से फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि किसान की बजाए सरकार द्वारा वहन करने, किसानों को कृषि क्षेत्र में सब्सिडी पर डीजल देने, बीपीएल कार्डधारकों को नौकरियों में वरियता देने, किसानों का वर्ष 2022 से पहले का कृषि ऋण माफ करने, बिजली बिलों पर लगाए गए सेंडरी चार्ज को वापस लेने, कृषि क्षेत्र को बचाने के लिए उनको मु त खाद बीज उपलब्ध करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कृषि हितों की रक्षा नहीं करेगी तब तक किसान का संघर्ष इसी तरह जारी रहेगा।
गांवों में पहुंचने पर पदयात्रा में किसान नेताओं को पगड़ी पहनाकर व 11-11 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया। उनके अलावा रणधीर जगरामबास, जाट नेता विधानंद हंसावास, जिला महासचिव महेन्द्र जेवली, वयौवृद्ध सामाजिक चिंतक राजेन्द्र सिंह डोहकी, किसान नेता अशोक श्यारेाण, सूबेसिंह पिलानिया, धनसिंह काकड़ौली, मंजीत श्योराण, रणबीर सिंह रोहिल्ला, बलवान सिंह, दिलबाग गोपी, संदीप कारीमोद, हलकाध्यक्ष ओमप्रकाश उमरवास, ब्रहमपाल बाढड़ा, सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन संदीप बाढड़ा, कमल सिंह हड़ौदी, इंद्रजीत डालावास, प्रताप हंसावास, रणधीर सिंह उमरवास, नरेश कुमार, ईश्वर सिंह नंबरदार, रविंद्र सिंह इत्यादि मौजूद रहे।