चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगने का मामला सामने आया है। दरअसल आज मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में कोर्ट की अवमानना की गई है। कोर्ट में इस चुनाव को लेकर पूरी बाजी पलट गई है। अदालत ने कहा कि सभी 8 अवैध वोटों को वेलिड करार दिया और दोबारा से वोटों की काउंटिंग की गयी । इन वोटों की फिर से गिनती होने के बाद आम आदमी पार्टी के उमीदवार कुलदीप कुमार को जीत मिली। जिस से आप और कांग्रेस गठबंधन की जीत हुई।
सुप्रीम कोर्ट में ये हुआ मामला
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच 8 वोटों के “अमान्य” किए जाने के विवाद पर सुनवाई करते हुए इसकी जांच की। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इनको फिर से गिना जाएगा। इन सभी अमान्य वोटों को मान्य माना जाएगा। इसके आधार पर ही परिणामों की घोषणा की जाएगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि शीर्ष अदालत पिछले माह के मेयर चुनाव में पड़ी वोटों की पुनर्गणना करने का निर्देश देगा। उन सभी 8 वोटों को जिनको रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने ‘अमान्य’ घोषित किया था, वो सभी कैमरे में कैद की गईं थीं। यह सभी वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में शामिल हैं।
अनिल मसीह ने कोर्ट में दिया ये बयान
कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई की शुरुआत अनिल मसीह से यह बताने के साथ की कि उन्होंने कैसे 8 बैलेट पेपर को ‘विकृत’ किया। मसीह ने कोर्ट को अवगत कराया कि उन्होंने बैलेट पेपर पर निशान लगाया। अदालत को बताया कि इससे वह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इन ‘विकृत’ बैलेट पेपर की काउंटिंग नहीं की जाएगी।