गुहला (हरियाणा): गुहला तहसील में रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अंबाला की टीम ने रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप को 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, जिसके बाद तहसीलदार मनजीत मलिक का नाम भी उजागर हुआ। तहसीलदार पर केस दर्ज होते ही वह लापता हो गए और चुनावी ड्यूटी से भी गायब हैं।
रिश्वत के लिए बना रखा था ‘10 रुपये का कोड’
जांच में सामने आया कि तहसील में रिश्वत लेने के लिए “10 रुपये के टिकट” का कोड बनाया गया था। यदि किसी व्यक्ति को रजिस्ट्री करानी होती, तो उससे कहा जाता कि “10 रुपये का टिकट लगेगा,” जिसका मतलब था कि 10 हजार रुपये रिश्वत देनी होगी। जो लोग रकम नहीं देते थे, उनकी रजिस्ट्री में बाधाएं डाली जाती थीं।
चुनावी ड्यूटी से भी लापता हुआ तहसीलदार
आरोपी तहसीलदार मनजीत मलिक को सीवन नगर पालिका चुनाव में सहायक रिटर्निंग अधिकारी (ARO) और नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। लेकिन केस दर्ज होने की खबर सामने आते ही वह ड्यूटी से नदारद हो गए। गुहला के एसडीएम कैप्टन परमेश सिंह ने बताया कि तहसीलदार ने कोई आधिकारिक छुट्टी नहीं ली है।
भ्रष्टाचार पर सरकार की कड़ी नजर
हरियाणा सरकार को तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हाल ही में 370 भ्रष्ट पटवारियों की एक सूची वायरल हुई थी, जिससे बड़ा हंगामा मच गया। अब 47 तहसीलदारों की एक और सूची तैयार की गई है, हालांकि इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है।
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