चरखी दादरी, 16 सितंबर: दादरी शहर से बरसाती पानी की निकासी और सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए मास्टर प्लान को जल्द स्वीकृति दिलवाने कि मांग को लेकर हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन राजदीप फौगाट ने चण्ड़ीगढ में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह से मुलाकात की। पुर्व विधायक राजदीप फौगाट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह को बताया कि दादरी शहर की सीवरेज लाईने वर्षों पुरानी और छोटी साइज की होने के कारण पुरा शहर मौजूदा सीवरेज सिस्टम से परेशान है।
बरसात के समय में हर वर्ष शहर में बाढ जैसे हालात बन जाते है। लोंगो की इस बड़ी परेशानी को देखते हुए जनस्वास्थ्य विभाग दादरी द्वारा पूरे शहर के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करके विभाग मुख्यालय में भिजवाया हुआ है। इसके अलावा सीवरेज लाइनों की रुकावटें दूर करने के लिए सुपर सकर मशीन भी दादरी जिले में उपलब्ध कराने की डिमांड मुख्यालय में भिजवाई हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों की परेशानियों को देखते हुए मास्टर प्लान और सुपर सकर मशीन की डिमांड को अति शीघ्र पूरा किया जाना आवश्यक है।
दादरी क्षेत्र के लोगों के सामने आ रही परेशानियों को समझते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने जन स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता को स्वयं दादरी जाकर वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के आदेश जारी किए। उन्होंने चेयरमैन राजदीप फौगाट को भरोसा दिलाया कि चरखी दादरी क्षेत्र की इन जायज मांगों को पूरा करने में विभाग व सरकार पूर्णतया प्रयासरत है। जल्द ही एक उच्च स्तर के सभी अधिकारियों की बैठक बुलाकर इस गंभीर समस्या के स्थाई समाधान को लेकर के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और अधिकारी द्वारा बनाए गए मास्टर प्लान को स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। देवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सुपर सकर मशीनों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही दादरी जिले को अलग से सुपर सकर मशीन भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आने वाले गाँवो से पानी निकासी के लिए भी बने योजना
पुर्व विधायक राजदीप फौगाट ने सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह को बताया की दादरी विधानसभा क्षेत्र के दो दर्जन से भी अधिक गाँवो में हर वर्ष बरसात के समय में बरसाती पानी खड़ा हो जाता है। जिसकी निकासी के लिए कोई भी स्थाई प्रबंध नहीं है। जलभराव के किसानों की फसल नष्ट हो जाती है। इसके अलावा आगामी फसल की बिजाई भी नहीं हो पाती। इसीलिए इस क्षेत्र से पानी की निकासी के लिए भी एक योजना बनाई जाए ताकि क्षेत्रवासियों को जलभराव से बचाया जा सके।