भिवानी, 11 सितंबर : करनाल में किसानों ने यह बता दिया कि यदि किसान एकजुट रहकर अपनी ताकत दिखाएंगे तो सरकार को किसानों की मांगें माननी होगी तथा किसानों को उन्हे उनका हक देना होगा। आज जिस तरह से सरकार ने करनाल में जारी प्रदर्शन को खत्म करवाते हुए किसानों की मांगें मानी, उससे ऐसा लग रहा है जैसे सरकार को समझ आ चुका है कि वह ज्यादा दिन तक किसानों के हकों से खिलवाड़ नहीं कर सकती तथा अब किसानों की मांगें मानने में ही सरकार को अपनी भलाई नजर आने लगी है। यह बात किसान नेता रणसिंह मान ने पिछले दस माह से कितलाना टोल पर जारी किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही। शनिवार को धरने की अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप से मा. राजसिंह जताई, युवा कल्याण संगठन से कमल सिंह प्रधान, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से कमल सिंह सांगवान, महिला शक्ति से फला देवी, संतरा डोहकी, कृष्णा गौरीपुर, किसान सभा से रामफल देशवाल ने की।
वही मंच का संचालन गंगाराम श्योराण ने किया। रणसिंह मान ने कहा कि देश के अन्नदाता पिछले दस माह से लगातार आंदोलनरत्त है। इस दौरान किसानों ने देश की कृषि व्यवस्था को पूंजीपीतियों के हाथो सौंपे जाने से बचाने के लिए उसने गर्मी, सर्दी, बारिश की मार झेली है, लेकिन फिर भी कुछ राजनेता किसानों को राजनीतिक पार्टी के लोग तो कुछ देशद्रोही बताकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हुए है, लेकिन फिर भी किसान देश की जनता के लिए अपना संघर्ष जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार को करनाल में जारी किसान आंदोलन की तरह ही देश भर के किसानों की मांगों के आगे झुकने पर मजबूर होना पड़ेगा तथा देश के अन्नदाताओं को उनके हक देने होंगे। धरने को संबोधित करते हुए गंगाराम श्योराण ने कहा कि सरकार ने पूंजीपीतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश की कृषि व्यवस्था को दांव पर लगा दिया हैं।
इस मौके पर सुंदर पहलवान ने कहा कि जिस तरह संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा ओलंपिक मैडलिस्ट को खरखौदा में सम्मानि त किया गया था, उसी तर्ज पर खेल को बढ़ावा देने के लिए कितलाना टोल पर भी रविवार 12 सितंबर को कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाएगा। किसान नेता कमल सिंह प्रधान ने कहा कि भाजपा सरकार तानाशाही का रवैया अपनाते हुए देश के किसान व कृषि व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद करना चाहती है, ताकि कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा सकें, लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे तथा तब तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती। इस अवसर पर सूरजभान झोझू कलां, मा. ताराचंद, सत्यवान, जीवन डोहकी, बलजीत, अजीत, संजय, स्योनारायण, सुरेश मानकावास, ओम नंबरदार, बोलीराम चमार, कमल झोझू, रमफल छपार, मा. सुरेंद्र, जयप्रकाश, मौजीराम गौरीपुर, समुंद्र पूर्व सरपंच, कुलदीप कितलान, दलीप सांगवान, अजीत धनाना सहित अनेक किसान मौजूद रहे।