रोहतक, 23 सितंबर : उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जिला के किसानों का आह्वïान किया है कि वे सुरक्षित पर्यावरण के लिए पराली प्रबंधन अपनाए। फसल अवशेषों को न जलाये, बल्कि इन्हें भूमि में मिलाकर मिट्टïी की उर्वरा शक्ति बढ़ाये। सरकार द्वारा किसानों के लिए फसल प्रबंधन हेतु अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि किसान पराली प्रबंधन मशीनरी का प्रयोग कर प्रदूषण से मुक्ति पाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों को बचाकर फसलों की पैदावार में वृद्घि कर सकते है।
पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाये जा रहे है। किसानों को पराली प्रबंधन मशीनरी 50 प्रतिशत अनुदान, किसानों के समूह को कस्टम हायरिंग सेंटरों की स्थापना के लिए 80 प्रतिशत अनुदान तथा फसल अवशेषों को बेल बनाकर प्रबंधन करने पर सरकार द्वारा एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि पराली जलाने से हानिकारक गैसों से उत्सर्जन से श्वसन रोग बढ़ता है, भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा मित्र कीट नष्टï होते है। बेहतर पराली प्रबंधन से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण मिलता है तथा रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है। फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृषि उपनिदेशक व सहायक कृषि अभियन्ता से सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 1800-180-2117 पर भी फसल अवशेष प्रबंधन बारे जानकारी हासिल की जा सकती है।