✅ टोल भुगतान में क्रांति: भारत का पहला पूर्णतया ऑटोमेटेड टोल प्लाज़ा गुरुग्राम में तैयार
हरियाणा के गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थित भारत का पहला मानव रहित टोल प्लाज़ा अब पूरी तरह से तैयार है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसे अत्याधुनिक तकनीकों से लैस कर बजघेड़ा बॉर्डर पर स्थापित किया है। इस प्लाज़ा पर वाहनों को न रुकना पड़ेगा और न कोई इंसानी हस्तक्षेप होगा।
🔍 कैसे काम करता है यह आधुनिक टोल सिस्टम?
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प्लाज़ा पर लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरे और सेंसर 50 मीटर दूर से ही वाहन की पहचान कर लेते हैं।
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फास्टैग के ज़रिए टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लिया जाता है।
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बिना रुकावट वाहन आगे बढ़ जाते हैं — बूम बैरियर पहले ही खुल चुके होते हैं।
🚀 भविष्य की झलक: नंबर प्लेट से होगा भुगतान
भविष्य में टोल प्लाज़ा पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (ANPR) के ज़रिए भुगतान होगा। हर वाहन को हाईवे पर प्रवेश करते ही एक यूनिक आईडी मिलेगी और टोल राशि सीधे वाहन के मालिक के बैंक खाते से कटेगी — न फास्टैग की ज़रूरत, न बैरियर की।
🛣️ द्वारका एक्सप्रेसवे: भारत का सबसे आधुनिक एलिवेटेड हाईवे
द्वारका एक्सप्रेसवे को उत्तरी परिधीय सड़क (NPR) भी कहा जाता है। इसकी लंबाई 29 किलोमीटर है — जिसमें से 18.9 किमी हरियाणा और 10.1 किमी दिल्ली में है।
📌 मुख्य विशेषताएं:
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भारत का पहला 8-लेन एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेसवे
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3.6 किमी लंबी ब्लास्ट-प्रूफ सुरंग, IGI एयरपोर्ट से सीधा जुड़ाव
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20 फ्लाईओवर, 11 वाहन अंडरपास, 2 रेल ओवरब्रिज और 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल पथ
💰 9,000 करोड़ की लागत: समय और ईंधन दोनों की बचत
2007 में रखी गई आधारशिला के बाद अनेक अड़चनों के बावजूद यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है। कुल लागत 9,000 करोड़ रुपये रही, जिसमें भूमि अधिग्रहण और निर्माण के साथ हाई-टेक सुविधाएं भी शामिल हैं।
🧭 बेहतर कनेक्टिविटी और ट्रैफिक में राहत
द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, CPR और SPR से सीधे जुड़ता है। यह IGI एयरपोर्ट, द्वारका, मानेसर और न्यू गुरुग्राम को जोड़ता है। ट्रैफिक 30-50% तक कम होने की संभावना है।
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मानेसर से IGI टर्मिनल 3 की दूरी अब सिर्फ 20 मिनट
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द्वारका से मानेसर — 15 मिनट
🏗️ आर्थिक विकास का नया गलियारा
यह एक्सप्रेसवे न केवल लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन में क्रांति लाएगा, बल्कि सेक्टर 104, 106, 109 जैसे क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग भी बढ़ेगी। मानेसर, सोहना और न्यू गुरुग्राम के औद्योगिक विकास में भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।
👷♂️ कंट्रोल रूम और सुरक्षा व्यवस्था
हालांकि टोल प्लाज़ा पूरी तरह से मानव रहित है, फिर भी तकनीकी देखरेख के लिए एक इंजीनियर कंट्रोल रूम में तैनात रहेगा। किसी भी तकनीकी गड़बड़ी की तुरंत मरम्मत की जाएगी। कुछ समय के लिए एक-एक कैश लेन भी रहेगी, जिसे बाद में समाप्त कर दिया जाएगा।
🔚 निष्कर्ष:
गुरुग्राम का यह अत्याधुनिक मानव रहित टोल प्लाज़ा और द्वारका एक्सप्रेसवे भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर में डिजिटल बदलाव और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट का प्रतीक बन चुका है। यह परियोजना हरियाणा को भविष्य के भारत से जोड़ने की एक ठोस और अभूतपूर्व पहल है।
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