उन्होंने अपने गढ़ जींद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भाजपा सोचती है कि जजपा अगले साल के चुनाव में गठबंधन के वोट ले सकती है, तो वे गलत हैं।
सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘जजपा को अपने वोट भी नहीं मिलने वाले हैं। उन्होंने हाल के महीनों में इस बात पर जोर दिया है कि भाजपा को 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए।
साल 2019 में विधानसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से दूर रहने के बाद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी ने इसे समर्थन दिया था। हालांकि, हाल के हफ्तों में, जजपा और भाजपा दोनों ने कहा है कि वे सभी 10 लोकसभा और 90 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। दोनों दलों ने संबंधों को जारी रखने पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है।
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वह ‘मेरी आवाज सुनो’ नाम की रैली को संबोधित कर रहे थे जिसका आयोजन एक “गैर-राजनीतिक कार्यक्रम” के रूप में सिंह के समर्थकों ने किया। कांग्रेस के साथ अपने पिछले जुड़ाव के बारे में उन्होंने कहा, मैं 42 साल तक उस पार्टी में था और समर्पण के साथ काम किया। कांग्रेस ने मुझे पूरा सम्मान दिया और मुझे राजीव गांधी तथा सोनिया गांधी का समर्थन एवं विश्वास मिला।
उन्होंने कहा, “लेकिन हर कोई जानता है कि मैंने कांग्रेस क्यों छोड़ी। मुझे एक पत्र मिला कि मुझे संप्रग-2 के दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है और मेरे 6,000 समर्थक मेरे दिल्ली आवास पर एकत्र हुए थे। शपथ लेने से ठीक चार घंटे पहले, निर्णय बदल दिया गया।’’
Haryana, भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई के नेता बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यदि भाजपा-जजपा गठबंधन जारी रहा तो, वह पार्टी छोड़ देंगे। उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जजपा) पर राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। वह एक रैली को जींद में संबोधित कर रहे थे।
भाजपा नेता ने कहा, अगर हरियाणा में भाजपा-जजपा का गठबंधन जारी रहा तो बीरेंद्र सिंह नहीं रहेगा, ये बात साफ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जजपा पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा, जजपा के एक बड़े नेता ने लोगों को इतना बड़ा धोखा दिया है, जितना हरियाणा के किसी अन्य नेता ने नहीं दिया।