हरियाणा। हरियाणा में मुख्यमंत्री ने अनाज मंडी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सीएम ने जनसंवाद के दौरान लोगों की समस्याओं को सुनते हुए जब अनाज मंडी के विस्तार को लेकर पूछा तो लोगों ने बड़ी ही दमदार आवाज में इसका जवाब देते हुए कहा कि मंडी को आबादी से दूर करो ,यह लोगों के लिए आफत बन चुकी है। जिसके बाद तुरंत ही मुख्यमंत्री ने इसको लेकर प्लान तैयार करने को कहा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से उनकी अन्य समस्याओं को सुना और उनके समाधान हेतु अधिकारियों को तुरंत निर्देश भी दिए।
दरअसल अंबाला शहर के एसए जैन कॉलेज में जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अतिथि के रूप में शिरकत कि थी।जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने मनोहर लाल ने लोगों से सीधा संवाद करते हुए समस्याओं को सुना। इस दौरान सीएम ने मंच से अनाज मंडी को लेकर पूछा कि मंडी का क्या करें विस्तार किया जाए या फिर शिफ्ट किया जाए। इस पर भीड़ में से आवाज आई कि मंडी आफत बन चुकी है ,अब इसे शहर से दूर करो।
इसके बाद पार्षद बोले कि अनाज मंडी शहर के बीच में आ गई है। इसे अब शिफ्ट किया जाना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका प्लान तैयार कर लेते हैं, जिससे दो -तीन साल में मंडी शिफ्ट कर दी जाएगी।
आपको बता दें कि अंबाला शहर में लगभग 42 एकड़ में अनाज मंडी बनी हुई है। इसमें आढ़तियों की दुकानें, मंडी में बनाए हुए शेड़, मार्केट कमेटी का कार्यालय समेत हैं। इसके साथ ही अनाज मंडी के साथ 11 एकड़ जमीन लगती है जो की खाली पड़ी है।खाली होने के कारण इस जमीन को अनाज मंडी में मिलाने के लिए मार्केट कमेटी बोर्ड की ओर से प्रपोजल तैयार किया गया था। इस प्रपोजल को सरकार के पास भेज दिया गया था। इसी के चलते मुख्यमंत्री ने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान खुद ही मंडी के विस्तार को लेकर लोगों की राय रखकर जानना चाहा।
प्रदेश सरकार की ओर से मेरी फसल मेरा ब्यौरा के नाम से पोर्टल बना दिया गया है। इस पोर्टल को बनाए जाने के बाद पंजाब से आने वाले अनाज की खरीद बंद हो गई है। ऐसे में अनाज मंडी में सिर्फ जिले का अनाज ही रह गया है। पहले अंबाला शहर अनाज मंडी में पंजाब का धान आने के कारण इसका आंकड़ा 30 लाख क्विंटल तक पहुंच जाता था। परंतु अब यह सिमट कर लगभग 11 लाख क्विंटल तक रह गया है। ऐसे में यह सीधे सीधे तीन गुणा कम हो गया है। पहले अधिक अनाज आने की सूरत में अनाज मंडी भर जाती थी और अनाज को हुडा के ग्राउंड में पहुंचाना पड़ता था।