Haryana, पुलिस की एक टीम ने फर्जी पुलिस अधिकारी और फर्जी पत्रकार बनकर एक व्यक्ति से कथित रूप से 50,000 रुपये की उगाही करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी है।
गिरोह के सदस्यों में से एक को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था और उसकी पहचान सुनील के रूप में हुई है। बाकी आरोपियों की पहचान 29 वर्षीय फर्जी पत्रकार मोहित कुमार टोंक और जयपुर निवासी 37 वर्षीय फर्जी पुलिस अधिकारी देवकीनंदन के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित ने चार जून को शिकायत दर्ज कराई थी कि एक व्यक्ति ने एक वेबसाइट के जरिए उससे संपर्क किया और उससे सर्विस मांगी और साइबर पार्क सेक्टर-39 गुरुग्राम बुलाया । संदिग्धों ने तब खुद को पुलिसकर्मी और पत्रकार के रूप में पेश किया और साइबर अपराध करने के लिए उसे जेल भेजने की धमकी दी।
खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताने वाले एक अन्य व्यक्ति ने पीड़ित से एक लाख रुपये की मांग की। इसके बाद पीड़ित ने अपने भाई के खाते से 50 हजार रुपये संदिग्धों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर करा दिए। आरोपियों ने पीड़ित को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और जल्दी ही शेष राशि की व्यवस्था करने को भी कहा। शिकायत के बाद सदर थाने में मामला दर्ज किया गया।
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इसके बाद उसने देवकीनंदन और सुनील के साथ विभिन्न वेबसाइटों जैसे- रेंटमैन, स्कोका, लॉकएन्टो, जिगेलो और मसाज-रिपब्लिक आदि के माध्यम से जबरन वसूली की योजना बनाई, अपने शिकार को टारगेट किया और उन्हें सर्विस लेने के लिए बुलाया। वे लगभग 1 महीने तक एक शहर में रहते और अपराध करने के बाद दूसरे शहर में जाकर वहां अपराध करते थे।
एसीपी (अपराध) वरुण दहिया ने कहा आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने दिल्ली, जयपुर, बेलगाम, मुंबई, अहमदाबाद आदि शहरों में सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है। संदिग्ध ने यह भी खुलासा किया कि जब पीड़ित को उनके द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में पता चल जाता तो, आरोपी पुलिस शिकायत के डर से पीड़ितों को कुछ राशि देकर मामले में समझौता कर लेते थे।