• Mon. Jun 23rd, 2025

हरियाणा सरकार ने मानी निजी अस्पतालों की अपील , नहीं मिलेगा बिना बिल चुकाए शव ,अनिल विज ने दी हरी झंडी

हरियाणा सरकार ने निजी स्कूलों की बिना बिल चुकाए शव देने की अपील को स्वीकार कर लिया है। दरअसल विधेयक में पैसे नहीं होने पर अस्पताल संचालकों की ओर से शव देने का प्रारूप तैयार किया गया था, लेकिन अब वह क्लॉज हटा दिया गया है गृह मंत्री अनिल विज ने मृत शरीर के सम्मान विधेयक पर हरी झंडी दे दी है। अब हरियाणा में मृत शरीर के सम्मान विधेयक के बाद अब शव सड़क रखकर प्रदर्शन करने पर पाबंदी होगी। विधेयक को स्वीकृति के लिए अब मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है।

 

आपको बता दें की मृत शरीर सम्मान विधेयक राजस्थान में सबसे पहले बना था लेकिन अब हरियाणा में इस विधेयक के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई है। राजस्थान में उक्त कानून के तहत शव रखकर सडक जाम करने पर 2 वर्ष की सजा का प्रावधान है। यही नहीं शव के साथ धरना-प्रदर्शन में शामिल होकर उकसाने वाले राजनेताओं के खिलाफ 5 वर्ष की सजा तय की गई है। विधेयक के अनुसार राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में सड़क पर शव रखकर जाम लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा में इसलिए है जरूरी

हरियाणा में गृह विभाग की ओर से तैयार किए मृत शरीर सम्मान विधेयक को प्रदेश में सडक़ जाम की बढ़ रही घटनाओं कोरोकने के लिए बनाया गया है। विधेयक में कहा गया है कि इससे लागू होने से सार्वजनिक जगहों पर शव के साथ प्रदर्शन करने पर अंकुश लगेगा क्योंकि इसमें सजा के साथ जुर्माने का प्रावधान तय किया जाएगा। हालांकि नेशनल हाईवे जाम करने के खिलाफ पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन है जिसमें पुलिस मुकदमा दर्ज करती है।लेकिन शव रखकर जाम लगाने के अधिकांश मामलों में पुलिस असहाय नजर आती है।

विधेयक के नियम
मृत शरीर सम्मान विधेयक के अनुसार परिजनों को शव का समय पर अंतिम संस्कार करना होगा। यदि वह विभिन्न मांगों को लेकर शव के साथ सडक़ पर प्रदर्शन करते हैं तो एक वर्ष की सजा व जुर्माना लग सकता है। खास बात यह है कि पुलिस की कार्रवाई में प्रदर्शन में शामिल अन्य लोग भी आएंगे जिसमें सामाजिक संगठन व राजनैतिक दल के नेताओं पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

पुलिस को मिलेंगे ये अधिकार

गृह विभाग के अफसरों के अनुसार इस विधेयक को लाने के पीछे की मंशा मृत शरीर की गरिमा को सुनिश्चित करना है। उनका कहना है कि इस विधेयक के प्रभावी होने के बाद विरोध-प्रदर्शन की स्थिति में शव के अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। विधेयक में DSP व SHO को अधिकार दिए जाएंगे कि वह अपने स्तर पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में समय से शव का अंतिम संस्कार करवाएंगे। हालांकि संस्कार करने से पहले पुलिस अफसरों की ओर से परिजनों को राजी किया जाएगा लेकिन यदि ऐसा नहीं होता तो उन्हें संस्कार करने का पूरा अधिकार होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Hacklinkbetsat
betsat
betsat
holiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
kavbet
extrabet
extrabet giriş
deneme bonusu veren bahis siteleri
casino siteleri
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
casibom
casibom giriş
casibom
casibom giriş
Sightcare
gamdom
Sportsbet
betturkey
fethiye escort
fethiye escort
marmaris escort
marmaris escort
marmaris escort
fethiye escort
marmaris escort
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
meritking
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
https://deneme-bonuslari-listesi.com/
deneme bonusu veren siteler
en iyi casino siteleri