चंडीगढ़। राम रहीम की फरलो को लेकर हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। दरअसल राम रहीम को लगातार मिल रही पैरोल या फरलो पर हरियाणा सरकार की मेहरबानी अन्य कैदियों की बजाए कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही है। इसी के तहत है अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से सवाल पूछे हैं। एक याचिक पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि क्या राम रहीम की तरह दूसरे कैदियों को भी परोल मिल रही है।
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि अगली सुनवाई पर यह बताया जाए कि उनके पास समान स्थिति वाले कितने अपराधियों के परोल निवेदन आए और कितने मामलों में परोल दी गई। बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने हाईकोर्ट में ये याचिका दाखिल की है। इस याचिका में राम रहीम को बार-बार हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही पैरोल पर सवाल खड़े किए है।
21 दिन की फरलो बाद जेल लौटा राम रहीम
राम रहीम 21 दिन की फरलो के बाद बुधवार शाम को रोहकत की सुनारिया जेल में वापस लौट आया। उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां लाया गया। डेरा प्रमुख को राजस्थान चुनाव में मतदान से 4 दिन पहले 21 दिन की फरलो मिली थी। फरलो की अवधि के दौरान वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहा। इससे पहले 20 जुलाई को 30 दिन की पैरोल और इसी साल 21 जनवरी को 40 दिन की पैरोल मिली थी।
चुनाव से पहले फरलो मिलने पर उठे थे सवाल
राजस्थान चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को फरलो मिलने पर सवाल भी उठे थे। दरअसल डेरा सच्चा सौदा का राजस्थान के कई जिलों में प्रभाव है। ऐसे में माना गया कि फरलो की अवधि के दौरान उन्होंने वोटिंग के संबंध में डेरा अनुयायियों को दिशा दिए। हालांकि किसी भी सजायाफ्ता कैदी के लिए पैरोल या फरलो मिलना उसका कानूनी अधिकार है।
सजा मिलने का कारण
गुरमीत राम रहीम को 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई है। राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में लाया गया था। पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी। इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए उसे सुनारिया जेल लाया गया। 28 अगस्त को जेल परिसर में ही सीबीआई की विशेष कोर्ट लगी और सीबीआई जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी।