चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने विपक्षी दलों और कर्मचारी संगठनों के विरोध को दरकिनार करते हुए राज्य में एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme – UPS) को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में UPS को मंजूरी दी गई थी, और अब वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
🔹 क्या है UPS योजना?
UPS योजना केंद्र सरकार की गारंटी पेंशन मॉडल की तर्ज़ पर तैयार की गई है। इसका उद्देश्य है— सरकारी कर्मचारियों को निश्चित न्यूनतम पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और महंगाई राहत सहित सुरक्षा देना। UPS का विकल्प 1 अगस्त 2025 से राज्य के सभी सरकारी विभागों के स्थायी कर्मचारी चुन सकेंगे।
हालांकि, बोर्ड-निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों और विश्वविद्यालयों के कर्मचारी अभी इस दायरे में शामिल नहीं होंगे। उनके लिए UPS बाद में लागू करने की बात कही गई है।
🔸 नोटिफिकेशन के 7 प्रमुख बिंदु
1️⃣ 25 साल सेवा पर पेंशन में 50% वेतन की गारंटी
यदि कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी की है, तो रिटायरमेंट के समय अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% बतौर गारंटीड पेंशन मिलेगा।
अगर सेवा 10 साल से अधिक है, लेकिन 25 साल से कम है, तो कर्मचारी को मासिक ₹10,000 न्यूनतम पेंशन मिलेगी।
2️⃣ पेंशनधारी की मृत्यु पर परिवार को 60% पेंशन
पेंशन लेने वाले कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को उसकी अंतिम पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
इस पर भी महंगाई राहत (DA) लागू होगी।
3️⃣ रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि (लम्प-सम) की सुविधा
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को सेवा के हर 6 माह के लिए मासिक वेतन+DA का 10% एकमुश्त (लम्प-सम) राशि के रूप में दिया जाएगा।
यह राशि अलग से दी जाएगी और पेंशन पर असर नहीं डालेगी।
4️⃣ दो तरह की निधि व्यवस्था (फंड्स)
UPS में दो प्रकार के फंड होंगे:
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व्यक्तिगत निधि (Personal Fund): जिसमें कर्मचारी का 10% और सरकार का 10% योगदान होगा।
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पूल कॉर्पस फंड (Pool Corpus): इसमें सरकार औसतन 8.5% अतिरिक्त योगदान करेगी।
5️⃣ निवेश की स्वतंत्रता
कर्मचारी अपने व्यक्तिगत फंड के लिए निवेश के विकल्प चुन सकते हैं। यदि कोई विकल्प नहीं चुना गया, तो PFRDA द्वारा तय डिफॉल्ट योजना लागू होगी।
वहीं, पूल कॉर्पस फंड का निवेश राज्य सरकार के नियंत्रण में रहेगा।
6️⃣ सरकार का कुल योगदान बढ़ा
वर्तमान NPS में राज्य सरकार 14% योगदान करती थी, लेकिन UPS में अब 18.5% तक कुल योगदान होगा (10% पर्सनल + 8.5% पूल कॉर्पस में)। इससे पेंशन सुरक्षा और भी सुदृढ़ होगी।
7️⃣ 15 साल बाद बहाल होगी समर्पित पेंशन
अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट पर अपनी पेंशन का हिस्सा समर्पित (Commuted) करता है, तो 15 साल पूरे होने पर वह पेंशन दोबारा बहाल हो जाएगी।
यह संशोधन हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2016 में किया गया है।
📌 किन्हें नहीं मिलेगा अभी UPS का लाभ?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि UPS फिलहाल केवल राज्य सरकार के विभागों तक सीमित रहेगा।
बोर्ड, निगम, पब्लिक सेक्टर उपक्रमों (PSUs), और विश्वविद्यालयों को इसके लिए इंतजार करना होगा।
🗣️ विरोध और प्रतिक्रिया
विपक्षी दल और कुछ कर्मचारी संगठन UPS को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार ने बिना पूर्ण विमर्श के यह फैसला लिया।
हालांकि सरकार का दावा है कि यह योजना कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करेगी।
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