हिसार:
हरियाणा के 6 जिलों के पुलिसकर्मी इन दिनों वर्दी से भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं—एक पिता के आंसुओं और एक मासूम की सांसों के साथ खड़े होकर।
आठ महीने का युवांश, फतेहाबाद निवासी एक कांस्टेबल का बेटा है, जो एक बेहद दुर्लभ और जानलेवा बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से जूझ रहा है। उसके इलाज में लगने वाला इंजेक्शन ज़ोलगेन्स्मा (Zolgensma) 14 करोड़ 50 लाख रुपये का है, जो स्विट्जरलैंड से मंगवाया जाएगा।
लेकिन उम्मीद अब भी जिंदा है…
हरियाणा के रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, कैथल, सिरसा और फतेहाबाद के पुलिसकर्मी अपनी एक दिन की तनख्वाह युवांश के इलाज के लिए दान करेंगे। यह फ़ैसला आला अधिकारियों से लेकर जवानों तक ने स्वेच्छा से लिया है।
🤝 इंसानियत की मिसाल:
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एडीजीपी वाई पूर्ण कुमार ने रोहतक ज़ोन के एसपी को पत्र लिखकर सहयोग की पहल की।
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कैथल की एसपी आस्था मोदी और सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता ने भी लेटर जारी किए।
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फतेहाबाद पुलिस युवांश के पिता का जिला होने के नाते पहले से ही हरसंभव मदद कर रही है।
🧬 कौन हैं युवांश?
हिसार के जाखोद खेड़ा गांव के राजेश (कांस्टेबल) और किरण (फूड सप्लाई डिपार्टमेंट में क्लर्क) के बेटे युवांश का जन्म 9 अक्टूबर 2024 को हुआ।
दो महीने की उम्र से ही युवांश सामान्य बच्चों जैसी गतिविधियाँ नहीं कर रहा था। कई डॉक्टरों की सलाह के बाद पुष्टि हुई कि वह SMA Type-1 से पीड़ित है — जो मांसपेशियों को धीरे-धीरे खत्म कर देती है और अंततः सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है।
💸 कितनी रकम जुटी अब तक?
अब तक 38 लाख रुपये जुटाए जा चुके हैं, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए लंबा सफर बाकी है।
राजेश ने राज्य सरकार से मदद की अपील की है, वहीं आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिख कर मदद की सिफारिश की है।
📢 सोशल मीडिया बना सहारा
सोशल मीडिया पर कई यूथ ग्रुप्स, संस्थाएं और पुलिस विभाग के पेज युवांश की कहानी को शेयर कर रहे हैं। इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर पर #SaveYuvansh मुहिम ज़ोर पकड़ रही है।