भिवानी: हरियाणा में पुलिस द्वारा झूठे आरोप में फंसाने के एक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। भिवानी में पुलिस टीम पर हमले के आरोप में फंसाए गए पूर्व पार्षद हंसराज को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार की अदालत ने बरी कर दिया है। वहीं, झूठा केस दर्ज करने वाले तत्कालीन SHO, 2 ASI और 2 हेड कांस्टेबल के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों पर 15 लाख का जुर्माना
अदालत ने पुलिस अधिकारियों पर 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे राज्य सरकार इन पुलिसकर्मियों के वेतन से काटकर पीड़ित को देने का आदेश दिया है। जुर्माने की रकम इस प्रकार तय की गई:
- SHO अनिल: ₹3 लाख
- ASI दशरथ: ₹5 लाख
- ASI गिरिराज: ₹5 लाख
- हेड कांस्टेबल सुनील: ₹1 लाख
- हेड कांस्टेबल (अन्य): ₹1 लाख
क्या था मामला?
19 मार्च 2019 को हेड कांस्टेबल नरेंद्र ने हंसराज के खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज करवाई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने जब हंसराज का पीछा किया, तो उसने पुलिस पर बरछी (धारदार हथियार) से हमला कर दिया, जिससे हेड कांस्टेबल नरेंद्र घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
हालांकि, कोर्ट में चले मुकदमे के दौरान यह साबित हो गया कि यह मामला झूठा था और पुलिस ने साजिश के तहत हंसराज को फंसाया था।
अधिवक्ता बोले – ऐतिहासिक फैसला
हंसराज के वकील ने अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया है और कहा कि यह पुलिस द्वारा झूठे केस में फंसाए गए लोगों के लिए एक बड़ी जीत है। अब देखना होगा कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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