हरियाणा | हरियाणा के मशहूर हलवाई मातूराम की दुकान पलिस का सख्त पहरा लगा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार सोनीपत में मातूराम नाम से मशहूर जलेबियों की दुकान बीते रविवार को फायरिंग होने के चलते अब जलेबियां पुलिस पहरे में बिक रही हैं।लोगों को जलेबी पुलिस की हाई सिक्योरिटी और मैटल डिटेक्टर से होकर गुजरने मिलती है। इस वजह से दुकान पर आने वाला हर ग्राहक परेशान है।
बता दें कि हरियाणा के मशहूर हलवाई मातूराम की जलेबियों का स्वाद सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों दिल्ली, पंजाब और राजस्थान के लोगों में भी फेमस है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इन जलेबियों का स्वाद लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है लेकिन बीते कुछ दिनों से गोहाना शहर में स्थित
मातूराम हलवाई की इस दुकान पर बीते कुछ दिनों से पुलिस का सख्त पहरा लगा हुआ है। जलेबी खरीदने आने वाले लोगों को पहले पुलिस की सिक्योरिटी से होकर गुजरना पड़ता है। फिर उसे मैटल डिटेक्टर से होकर निकलना पड़ता है, तब जाकर ग्राहकों को जलेबी नसीब हो रही है। मामला रंगदारी से जुड़ा है और बीते रविवार को दुकान पर गोलियां चलाई गईं हैं। करीब 50 राउंड फायरिंग हुई है। गनीमत रही कि किसी भी जान नहीं गई। वहीं, इस मामले में अभी तक पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है कि गोलियां चलाने वाले कौन थे।
सोनीपत जिले के गोहाना शहर में जींद रोड पर स्थित मातूराम हलवाई की दुकान सन् 1958 में लाला मातूराम ने शुरू की थी। आज उनकी तीसरी पीढ़ी लोगों को इन जलेबियों का स्वाद चखा रही है। लेकिन गोलीबारी के बाद परिवार भय के साये में जी रहा है। ऐसे में अब दुकान पर हरियाणा पुलिस के कमांडो, जवान, मैटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरे और बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
मातूराम हलवाई की जलेबियों की खासियत
लाला मातूराम के पोते ने बताया कि उनकी जलेबियां शुद्ध देसी घी में तैयार होती है और आकार में भी बड़ी है। एक जलेबी का पीस करीब 250 ग्राम होता है और एक किलोग्राम में चार पीस ही जलेबी आती है। 300 रूपए प्रति किलो बिकने वाली इन जलेबियों का स्वाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चख चुके हैं।
लोकप्रियता नहीं हो रही हजम
पोते नीरज गुप्ता ने बताया कि भले ही आज तीसरी पीढ़ी जलेबियां बनाने का काम कर रही हो लेकिन ग्राहकों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। आज भी लोग उसी चाव से दुकान पर जलेबियां खाने व खरीदने आते हैं। कुछ लोगों ने हमारे दादा मातूराम के नाम का इस्तेमाल कर दुकानें खोल रखी है लेकिन उनकी जलेबियों का स्वाद कुछ और ही होता है। जो ग्राहक एक बार मातुराम के यहाँ से जलेबी लेकर खाता है, वो इनका दीवाना हो जाता है। ऐसे में उनकी लोकप्रियता कुछ लोगों को हजम नहीं हो रही है।