हरियाणा। हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से स्कूलों में शौचालयों के मामले में पड़ी फटकार का असर हो गया है और वह स्कूलों के मामले में अब हरकत में आ गई है। स्कूलों में शौचालयों का निर्माण शुरू हो गया है। बिजली और पानी सुविधा भी मुहैया करवाई जा रही हैं। 6 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। 4 स्कूलों में पानी की सुविधा नहीं है। इनमें से कुछ में तकनीकी पेच है तो कुछ में कानूनी विवाद।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में मई में शपथ-पत्र दिया गया था। अब तक अधिकांश कमियों को दूर किया जा चुका है। कमरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसमें थोड़ा समय भी लग सकता है। 15 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से पूरी जानकारी अपडेट करके नए सिरे से शपथ-पत्र दिया जाएगा।
दरअसल, कैथल के बालू स्कूल के छात्रों ने स्कूलों में सुविधाओं के मामले में वकील प्रदीप कुमार रापडिय़ा के माध्यम से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी किया था। विभाग की ओर से मई में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में शपथ-पत्र दाखिल किया था। सरकार ने स्वीकार किया था कि कई स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पांच लाख की जगह बालकुंज के खाते में 50 लाख रुपये की राशि जमा करवा दी है ताकि बच्चों के विकास में इसका इस्तेमाल किया जा सके। मई में दिए हलफनामे में सरकार ने माना कि राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं है। 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं है।
कोर्ट को बताया गया कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है। हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी और विभाग पर लगाए जुर्माने के बाद सरकार हरकत में आई। स्कूल शिक्षा मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में बताया गया कि स्कूलों में यह कमियां मई में दिए हलफनामे में बताई थी। इसके बाद विभाग ने अधिकांश कमियों को दूर किया है।