चंडीगढ़, 21 फरवरी:Alakh Haryana News इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को बजट सत्र के प्रश्र काल के दौरान हिसार में एयरपोर्ट (Airport Hisar) के साथ बनाई गई सडक़ को ब्लॉक किए जाने के खिलाफ धरने पर बैठे स्थानीय लोगों और ई-टेंडरिंग लागू करने पर सरपंचों द्वारा किए जा रहे विरोध का मुद्दा सदन में उठाया।उन्होंने कहा कि हिसार में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बात चल रही थी जिसके लिए मुख्यमंत्री, उड्डयन मंत्री और स्थानीय विधायक ने बड़े-बड़े इश्तिहार छपवाए। उस इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पोल तो लोकसभा में खुल गई कि हिसार में कोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं खोला जा रहा। उसके बाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर एक बहुत बड़ा भू-माफिया खड़ा कर दिया गया जिसने एयरपोर्ट के साथ लगती बेशकीमती जमीनें कौडिय़ों के भाव लेकर कंपनियों के नाम रजिस्ट्रियां करवा ली। यहां सडक़ को बंद किए जाने से पिछले लंबे समय से स्थानीय लोग धरने पर बैठे थे। पहला धरना लगातार 34 दिन चला, तब बरवाला का विधायक प्रदर्शनकारी लोगों को उड्डयन मंत्री के पास लेकर गया और मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके लिए सडक़ बनवा कर देंगे। फिर करोड़ों रूपए खर्च कर एक अस्थायी सडक़ बनवा दी गई, साथ ही आसपास की जमीनें कंपनियों के नाम खरीद ली गई और फिर उस सडक़ को बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जहाज तो पता नहीं यहां उतरेगा या नहीं परंतु सडक़ बंद करने से जो स्थानीय लोग हैं उन्हें 20-30 किमी का सफर ज्यादा तय करना पड़ रहा है।
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उन्होंने मुख्यमंत्री से इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आड़ में किन किन लोगों ने जमीनें खरीदी हैं, इस पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 12-14 गांव ऐसे हैं जिनके सामने अब बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। विशेष रूप से कालेज और स्कूल में जो बच्चियां साइकल से 6 किमी का सफर तय करती थी अब सडक़ खत्म करने के बाद उन्हें 32 किमी का सफर तय करना पड़ेगा। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट की आखिरी दीवार के साथ-साथ रास्ता देकर राहत प्रदान करने की मांग की ताकि रास्ते की दूरी भी कम हो जाए और लोगों को असुविधा भी ना हो।
अभय सिंह चौटाला ने ग्राम पंचायतों में लागू की गई ई-टेंडरिंग पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि पहले तो भाजपा गठबंधन सरकार ने दो साल तक पंचायतों के चुनाव नहीं करवाए और उन दो सालों के दौरान जो पैसा ग्राम पंचायतों पर खर्च होना चाहिए था उसे सरकार के सहयोगियों ने अधिकारियों से मिली भगत करके केवल कागजों में ही दिखा कर डकारने का काम किया। आज जब पंचायतों को और ज्यादा अधिकार दिए जाने चाहिए थे भाजपा सरकार ने उस के उलट अधिकार ही खत्म कर दिए हैं। मंत्री कह रहे हैं कि 2-4 लुटेरे किस्म के लोग हैं जो ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं। लेकिन सोमवार को जींद में सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरूष सरपंचों के साथ बुजुर्ग भी ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे थे जिन पर लाठीचार्ज किया गया। ये चुने हुए प्रतिनिधि हैं, उनकी बात को सुननी चाहिए थी और उस पर एक्शन लेना चाहिए था।