हरियाणा के जींद जिले में रविवार का दिन उस वक्त एक अनजानी दहशत और उत्सुकता में बदल गया, जब जुलाना क्षेत्र के गांव देवरड़ में चल रही तालाब की खुदाई में अचानक मिट्टी के नीचे से मानव कंकाल मिलने लगे। लेकिन ये कंकाल साधारण नहीं थे — ये विशालकाय थे।
मजदूरों को दिखीं हड्डियां, फिर खुला रहस्य का पिटारा
मनरेगा योजना के तहत तालाब की खुदाई का कार्य सामान्य रूप से चल रहा था। मजदूर रोज की तरह मिट्टी खोद रहे थे कि अचानक एक मज़दूर की कुदाल किसी कठोर चीज़ से टकराई। मिट्टी साफ की गई तो एक मानव हड्डी निकली — लेकिन यह सामान्य आकार की नहीं थी।
ठेकेदार को जानकारी दी गई, और फिर स्थानीय प्रशासन को। जैसे-जैसे खुदाई गहराई तक पहुंची, वैसे-वैसे 10 मानव कंकाल सामने आए। इनके साथ कुछ पुराने मटके और मिट्टी के पात्र भी मिले, जिनका स्वरूप पूरी तरह ऐतिहासिक प्रतीत होता है।
8 से 10 फुट लंबे कंकाल, जबड़े देख सब दंग
प्रत्यक्षदर्शियों और खुदाई में शामिल मजदूरों का कहना है कि कुछ कंकालों की लंबाई 8 से 10 फुट तक है और उनके जबड़े इतने बड़े हैं कि आम इंसान की तुलना में दुगुने लगते हैं। स्थानीय लोगों ने इन कंकालों की तुलना पौराणिक कथाओं में वर्णित दैत्य या राक्षस जातियों से की।
रुका काम, जुटी पुलिस और प्रशासन
जैसे ही यह जानकारी फैली, गांव में लोगों का तांता लग गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थल की घेराबंदी कर दी गई है और पुरातत्व विभाग की टीम को बुलाने की तैयारी की जा रही है।
प्राचीन सभ्यता या कोई अनसुनी कहानी?
कंकालों के पास मिले बर्तन और उनका विशाल आकार यह संकेत देते हैं कि यह कोई सामान्य दफन स्थल नहीं है। यह खोज हरियाणा के इतिहास को एक नई दिशा दे सकती है। क्या ये कंकाल किसी प्राचीन युद्ध, महामारी, या सभ्यता के अवशेष हैं? या यह किसी अनजाने युग की कहानी छिपाए हैं?
आगे क्या?
विशेषज्ञों की टीम डीएनए परीक्षण, रेडियोकार्बन डेटिंग, और पुरातात्विक जांच करेगी। तब तक, जींद का यह रहस्य हरियाणा भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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