कुरुक्षेत्र: निकटवर्ती गांव खरींडवा के सरपंच पवन कुमार को फर्जी दस्तावेज़ के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई उपायुक्त कुरुक्षेत्र के आदेश पर की गई, जिसमें जांच के बाद सरपंच पवन कुमार की दसवीं की मार्कशीट को फर्जी पाया गया। उपायुक्त ने बीडीपीओ शाहाबाद को निर्देश दिए हैं कि पंचायत का कार्यभार पूर्ण बहुमत वाले पंच को सौंपा जाए, ताकि पंचायत का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।
शिकायत के बाद हुई जांच
सूत्रों के अनुसार, गांव खरींडवा के निवासी संजीव कुमार और प्रेम सिंह ने उपायुक्त को शिकायत दी थी कि सरपंच पवन कुमार ने चुनाव के दौरान नामांकन पत्र के साथ फर्जी दसवीं का सर्टिफिकेट जमा किया। शिकायत के आधार पर दस्तावेज़ों की जांच कराई गई। जांच में सर्टिफिकेट को फर्जी पाए जाने के बाद उपायुक्त ने तुरंत सरपंच को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।
सरपंच का आरोप: “राजनीतिक साजिश का नतीजा”
सरपंच पवन कुमार ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता संजीव कुमार ने सरपंच पद का चुनाव लड़ा था और हार के बाद अब राजनीतिक दुर्भावना से कार्य कर रहा है। वहीं, दूसरे शिकायतकर्ता प्रेम सिंह के बारे में सरपंच ने दावा किया कि वह पंचायत की जमीन पर कब्जा कर चुका है और डर के कारण यह कदम उठा रहा है। पवन कुमार ने अपनी दसवीं की मार्कशीट को असली बताते हुए कहा कि वह न्यायालय में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।
पंचायत में अस्थायी व्यवस्था के आदेश
सरपंच को बर्खास्त करने के बाद उपायुक्त ने बीडीपीओ शाहाबाद को निर्देश दिया कि पंचायत का कामकाज सुचारू रूप से जारी रखने के लिए पंचायत का कार्यभार किसी पूर्ण बहुमत वाले पंच को सौंपा जाए। पंचायत से जुड़े कार्यों को बिना किसी रुकावट के पूरा करने की जिम्मेदारी नए पंच को दी जाएगी।
नोट: इस घटना ने गांव में राजनीति और प्रशासनिक फैसलों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। सरपंच पवन कुमार का अगला कदम न्यायालय में होगा, जहां वह अपनी बात रखेंगे।
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