रोहतक | ब्यूरो रिपोर्ट रोहतक में समाजसेवी नवीन जयहिंद ने एक पत्रकार को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किए जाने को लेकर हरियाणा सरकार के मंत्री अरविंद शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीडिया से बातचीत में जयहिंद ने कहा कि जिस तरह पहले हनी ट्रैप की घटनाएं होती थीं, अब उसी तर्ज पर पत्रकारों को ‘मनी ट्रैप’ में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मंत्री और संबंधित पत्रकार के बीच पहले भी पैसों का लेन-देन हुआ है। यह कोई इकलौता मामला नहीं है, ऐसे 30 से ज्यादा उदाहरण हो सकते हैं। उन्होंने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और यह पता लगाया जाए कि पैसा कहां से आया और किन-किन पत्रकारों को लाभ पहुंचाया गया।
“पत्रकारों को डराने की हो रही कोशिश”
जयहिंद ने आरोप लगाया कि इस मामले के जरिए अन्य पत्रकारों को डराने और धमकाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस को कॉल डिटेल और अन्य साक्ष्य खंगालने चाहिए ताकि यह साफ हो सके कि किन लोगों पर दबाव बनाया गया है। जयहिंद के अनुसार, यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो कई और नाम सामने आ सकते हैं जो मंत्री के करीबी हैं।
“छवि नहीं, यह छलावा है”
मंत्री अरविंद शर्मा द्वारा अपनी छवि खराब होने की बात पर टिप्पणी करते हुए जयहिंद ने कहा कि अगर एक पत्रकार की खबर से किसी मंत्री की छवि बिगड़ जाती है, तो यह छवि नहीं छलावा है। उन्होंने कहा कि यदि पत्रकार दोषी है तो उसे सजा मिले, लेकिन जांच बिना पक्षपात के होनी चाहिए।
“मंत्री को 6 माह के लिए बना दें मुख्यमंत्री”
व्यंग्यात्मक अंदाज में जयहिंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सैनी को चाहिए कि मंत्री अरविंद शर्मा को छह महीने के लिए हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया जाए, ताकि वे पत्रकारों को बदनाम करने का काम खुलकर कर सकें। उन्होंने दावा किया कि मैना टूरिज्म में पत्रकारों को पैकेज देने की रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
विवाद की जड़ विधानसभा से
जयहिंद ने बताया कि इस पूरे विवाद की शुरुआत विधानसभा में दादा गौतम को लेकर की गई टिप्पणी से हुई थी। इसके बाद परशुराम जयंती पर जेल में बंद बाबाओं के अनुयायियों को बुलाने का मुद्दा उठा और मामला तूल पकड़ गया। अब, उनके अनुसार, पत्रकारों को धमकाया जा रहा है कि अगर नवीन जयहिंद की कोई खबर चलाई गई, तो उनके खिलाफ रिश्वत मांगने जैसा केस बना दिया जाएगा।