चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान द्वारा जल वितरण को लेकर दिए गए बयान को “आश्चर्यजनक और भ्रामक” करार देते हुए कहा है कि यह बयान जनता को गुमराह करने और राजनीतिक फायदा उठाने का एक प्रयास है। सैनी ने स्पष्ट किया कि हरियाणा को उसका उचित जल हिस्सा अभी तक नहीं मिला है और पंजाब के अधिकारियों की ओर से जानबूझकर जल आपूर्ति में बाधा डाली जा रही है।
🔹 “26 अप्रैल को किया था वादा, 27 को किया इंकार”
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि 26 अप्रैल को उन्होंने स्वयं भगवंत मान से फोन पर बात की थी और बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) की तकनीकी कमेटी द्वारा 23 अप्रैल को लिए गए निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को जल आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश था।
मान ने उस समय आश्वासन दिया कि वे अधिकारियों को निर्देश देंगे, लेकिन 27 अप्रैल तक पंजाब के अधिकारियों ने न केवल कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि हरियाणा के अधिकारियों के फोन तक नहीं उठाए। इसके बाद मुख्यमंत्री सैनी ने भगवंत मान को पत्र भी भेजा।
🔹 “राजनीतिक लाभ के लिए जनता को भ्रमित कर रहे हैं मान”
मुख्यमंत्री सैनी ने आरोप लगाया कि भगवंत मान ने तथ्यों को दरकिनार कर वीडियो बयान जारी किया, जिससे देश की जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी द्वारा पानी की बूँद-बूँद का लेखा-जोखा रखा जाता है और यह दावा कि पहले कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया, सरासर झूठ है।
🔹 आँकड़ों के साथ पेश किया सच
सैनी ने भाखड़ा डैम के जल स्तर और हरियाणा को मिलने वाले पानी के आँकड़े भी साझा किए। उनके अनुसार:
वर्ष | भाखड़ा डैम का जल स्तर (फीट में) | HCP पर हरियाणा को मिला पानी (क्यूसेक में) |
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2020-21 | 1525.60 | 8263 |
2021-22 | 1564.10 | 9726 |
2022-23 | 1570.54 | 9850 |
2023-24 | 1567.33 | 10067 |
2024-25 | 1555.82 | — |
उन्होंने स्पष्ट किया कि HCP (हरियाणा कॉन्टेक्ट प्वाइंट) पर जो पानी आता है, उसमें से 500 क्यूसेक दिल्ली, 800 क्यूसेक राजस्थान और 400 क्यूसेक पंजाब को भेजा जाता है। इस प्रकार हरियाणा को मात्र 6800 क्यूसेक ही शेष बचता है।
🔹 “धान की रोपाई होती ही नहीं, फिर पानी क्यों रोका?”
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि अप्रैल और मई में पंजाब और हरियाणा में धान की रोपाई कानूनन प्रतिबंधित है। ऐसे में पानी की मांग केवल पीने के लिए होती है। उन्होंने यह भी कहा कि मान साहब ने भाखड़ा डैम की स्थिति पर चुप्पी साधी जबकि असल पानी वहीं से आता है, न कि पोंग या रणजीत सागर डैम से।
🔹 “राष्ट्रीय हित के लिए ज़रूरी है सहयोग”
सैनी ने कहा कि हरियाणा को पानी देना भाखड़ा डैम के जल भंडार का मात्र 0.0001 प्रतिशत होगा और इससे भंडारण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने आगाह किया कि मानसून से पहले जलाशयों को खाली करना ज़रूरी होता है, अन्यथा बारिश का पानी पाकिस्तान की ओर बह जाएगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने अंत में कहा कि पंजाब को संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित में कार्य करना चाहिए और हरियाणा को उसका उचित जल हिस्सा तुरंत उपलब्ध कराना चाहिए।
उन्होंने विश्वास जताया कि यह कदम न केवल अंतरराज्यीय संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि जल संसाधनों के न्यायोचित और समुचित उपयोग को भी सुनिश्चित करेगा।