कैथल, 8 अक्टूबर 2025: हरियाणा के कैथल स्थित NIILM यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह उच्च शिक्षा के मानकों और पारदर्शिता के प्रति पूरी तरह समर्पित है। यूजीसी द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को जारी की गई नई सूची 37 डिफॉल्टर स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी में अब NIILM यूनिवर्सिटी का नाम शामिल नहीं है।
दरअसल, यूजीसी ने 24 सितंबर 2025 को उन 54 स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ की सूची जारी की थी, जिन्होंने UGC Act, 1956 की धारा 13 के अंतर्गत मांगी गई जानकारी या अपनी वेबसाइट पर पब्लिक सेल्फ डिस्क्लोज़र (Public Self-Disclosure) की सूचना सार्वजनिक नहीं की थी। उस समय NIILM यूनिवर्सिटी का नाम भी अस्थायी रूप से इस सूची में शामिल किया गया था।
लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सभी जरूरी दस्तावेज़ और सूचनाएँ समय पर यूजीसी को प्रस्तुत कर दीं। इसके परिणामस्वरूप, 8 अक्टूबर 2025 को जारी अपडेटेड सूची में अब NIILM यूनिवर्सिटी का नाम डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची से बाहर कर दिया गया है।
NIILM यूनिवर्सिटी वीसी प्रो. (डॉ.) समीम अहमद का इस मामले पर कहना है कि NIILM यूनिवर्सिटी सदैव यूजीसी के सभी नियमों, दिशानिर्देशों और मानकों का पूरी निष्ठा से पालन करती रही है। हमने समय पर सभी आवश्यक सूचनाएँ और दस्तावेज़ यूजीसी को उपलब्ध करवाए हैं। इस अपडेटेड सूची में हमारा नाम हटाया जाना हमारे पारदर्शी कार्यप्रणाली का प्रमाण है।हमारा उद्देश्य हमेशा से विद्यार्थियों को गुणवत्ता आधारित शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का सर्वोत्तम वातावरण उपलब्ध करवाना रहा है। विश्वविद्यालय को बदनाम करने की कोशिश करने वाले अब खुद बेनकाब हो गए हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार जमा कर दिए गए हैं।वेबसाइट पर सभी सार्वजनिक सूचनाएँ अपडेट कर दी गई हैं। विश्वविद्यालय यूजीसी और राज्य सरकार के सभी नियमों का पालन करता है।यह कदम NIILM यूनिवर्सिटी की विश्वसनीयता को और मज़बूत करता है, और यह संदेश देता है कि संस्थान केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में भी अग्रणी है। अंत में VC प्रो. (डॉ.) समीम अहमद ने कहा कि “हमारा फोकस छात्रों के सर्वांगीण विकास पर है। NIILM यूनिवर्सिटी न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।