PGI रोहतक के वार्ड-3 में बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। वार्ड में भर्ती मरीज के सिर पर छत का प्लास्टर अचानक गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आई हैं। मरीज के सिर में 8 टांके आए हैं और उसे तुरंत ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट किया गया है।
वार्ड की क्षमता से अधिक मरीज, हालत बदतर
PGI के वार्ड-3 में 80 बेड की क्षमता है, लेकिन मरीजों की संख्या 90 से अधिक है। भीड़भाड़ और जर्जर भवन की स्थिति ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। हादसे के बाद मरीजों और उनके परिजनों में भारी दहशत फैल गई।
स्टाफ ने शुरू किया प्लास्टर गिराना, जांच जारी
हादसे के तुरंत बाद अस्पताल स्टाफ ने वार्ड की छत और दीवारों की जांच शुरू की। इसके बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारियों ने खुद ही प्लास्टर हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी, ताकि भविष्य में किसी और पर न गिरे।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है जब PGI में प्लास्टर गिरने की घटना सामने आई हो। 16 जुलाई 2023 को नर्सिंग कॉलेज के छात्रावास में भी प्लास्टर गिरा था, जिसमें तीन छात्राएं घायल हो गई थीं और एक बाल-बाल बची थी।
प्रशासन पर उठे सवाल
लगातार हो रहे इन हादसों ने PGI प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जर्जर हो चुके भवन की मरम्मत न होना, ओवरलोडेड वार्ड और लापरवाही भविष्य में और बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं।
राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में शुमार PGI रोहतक में इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा को उजागर करती हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन कब जागता है और कब तक मरीजों की जान खतरे में बनी रहेगी।
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