क्या है पूरा मामला?
बीजेपी नेता मनोज पासी ने आरोप लगाया कि उनके छोटे भाई द्वारा खरीदी गई ज़मीन पर चारदीवारी निर्माण को फर्जी आवेदन देकर रुकवाया गया। उन्होंने बताया कि 13 जनवरी को एक आवेदन दिया गया था, जिससे उनका काम रुक गया।
15 जनवरी को जब वह झूंसी थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से जानकारी मांगी, तो वहां मौजूद थाने के इंस्पेक्टर उपेंद्र प्रताप सिंह, तीन दरोगा और एक कॉन्स्टेबल ने उन्हें बुरी तरह पीटा।
बीजेपी नेता ने लगाए गंभीर आरोप
- थानेदार ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
- थाने में विरोध जताने पर पुलिसकर्मियों ने मारपीट की।
- विपक्षी दलों ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल।
अखिलेश यादव और कांग्रेस का यूपी सरकार पर हमला
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा:
“क्या केवल इसलिए एक व्यक्ति को पीटा गया क्योंकि उसका नाम मनोज पासी है?”
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने भी घटना की निंदा करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए।
आरोपी पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
डीसीपी अभिषेक भारती ने मामले की गंभीरता को देखते हुए:
तीन दरोगा और एक कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया।
विभागीय जांच के आदेश दिए।
पीड़ित को न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
प्रशासन का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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