पंजाब सूबे के नए मुख्यमंत्री रूप में चरणजीत सिंह चन्नी ने आज शपथ ले ली है , 19 सितंबर की दोपहर तक उनके नाम का जिक्र तक नहीं था अचानक उनका नाम तय हो गया। वे राजनीति में पीएचडी भी कर रहे हैं और शोध का टॉपिक भी कांग्रेस की राजनीति पर ले रखा है, वरिष्ठ पत्रकार डॉ राजेश चौहान बता रहे हैं वो किस्सा जब राहुल गांधी ने स्पेशल हेलीकॉप्टर “चरणजीत सिंह चन्नी ” को दे दिया था और कहा था आप अपना काम कर के आइये फिर मिलते हैं।
अलख हरियाणा डॉट कॉम || कांग्रेस की सियासत क्रिकेट जितनी रोमांचक है। यानी फैसला आखिरी गेंद पर होगा और किस के पक्ष में होगा? इसका भी कोई पता नहीं। ऐसा ही आज पंजाब की सियासत में देखने को मिला। दिनभर पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए रस्साकशी चलती रही और आखिर में वह शख्स मुख्यमंत्री चुन लिया गया जिसका दिनभर नाम तक नहीं चला। कांग्रेस की सियासत की तासीर को कोई आसानी से नहीं समझ सकता है।
खुद चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे ने मुझ से बातचीत करते हुए कहा है कि दिनभर की चर्चाओं में हमारा कहीं नाम तक नहीं था और अब मुकद्दर और मेहनत से मेरे पिता मुख्यमंत्री बन गए। दरअसल चरणजीत सिंह चन्नी उप मुख्यमंत्री पद की आस लगाए बैठे थे और उसमें भी बीच बीच में अरुणा चौधरी का नाम आ रहा था। सुबह सुनील जाखड़ नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर सिंह रंधावा के नामों पर चर्चा चलती रह बाद में नवजोत सिंह सिद्धू दौड़ से बाहर हो गए सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुनील जाखड़ के बीच रस्साकशी चली लेकिन आखिर में सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। दरअसल कांग्रेस में जिसका नाम चलता है उसका काम नहीं बनता है। यह बात आज एक बार फिर साबित हो चुकी है।
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी राजनीति के कोरे खिलाड़ी नहीं है बल्कि राजनीति में पीएचडी होने जा रहे हैं। जी हां, चरणजीत सिंह चन्नी पंजाबी यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट से पीएचडी कर रहे हैं और बाकायदा उन्होंने अपने रिसर्च का टॉपिक भी कांग्रेस के उतार-चढ़ाव और संगठन की विशेषताओं पर लिया है। उनके पीएचडी के गाइड डॉक्टर इमेनुअल नाहर का कहना है कि चरणजीत सिंह चन्नी एक अच्छे स्कॉलर है और आने वाले 2 महीने के भीतर उनकी पीएचडी सबमिट हो जाएगी और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री रहते हैं उनका वाइवा भी हो जाएगा और वह डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी हो जाएंगे।
इसके अलावा डॉक्टर नाहर ने पुरानी याद ताजा करते हुए कहा कि एक बार चरणजीत सिंह चन्नी दिल्ली में थे और उनको एग्जाम देने के लिए चंडीगढ़ आना था और राहुल गांधी ने उनको स्पेशल अपना हेलीकॉप्टर देकर भेजा था कि आप एग्जाम देकर फिर से वापस आ जाइए। अब देखना होगा चरणजीत सिंह चन्नी राजनीति के कितने बड़े पीएचडी साबित होंगे। कांग्रेस की सियासत क्रिकेट जितनी रोमांचक है। यानी फैसला आखिरी गेंद पर होगा और किस के पक्ष में होगा? इसका भी कोई पता नहीं।
ऐसा ही आज पंजाब की सियासत में देखने को मिला। दिनभर पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए रस्साकशी चलती रही और आखिर में वह शख्स मुख्यमंत्री चुन लिया गया जिसका दिनभर नाम तक नहीं चला। कांग्रेस की सियासत की तासीर को कोई आसानी से नहीं समझ सकता है। खुद चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे ने मुझ से बातचीत करते हुए कहा है कि दिनभर की चर्चाओं में हमारा कहीं नाम तक नहीं था और अब मुकद्दर और मेहनत से मेरे पिता मुख्यमंत्री बन गए। दरअसल चरणजीत सिंह चन्नी उप मुख्यमंत्री पद की आस लगाए बैठे थे और उसमें भी बीच बीच में अरुणा चौधरी का नाम आ रहा था।
सुबह सुनील जाखड़ नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर सिंह रंधावा के नामों पर चर्चा चलती रह बाद में नवजोत सिंह सिद्धू दौड़ से बाहर हो गए सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुनील जाखड़ के बीच रस्साकशी चली लेकिन आखिर में सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। दरअसल कांग्रेस में जिसका नाम चलता है उसका काम नहीं बनता है। यह बात आज एक बार फिर साबित हो चुकी है।
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी राजनीति के कोरे खिलाड़ी नहीं है बल्कि राजनीति में पीएचडी होने जा रहे हैं। जी हां, चरणजीत सिंह चन्नी पंजाबी यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट से पीएचडी कर रहे हैं और बाकायदा उन्होंने अपने रिसर्च का टॉपिक भी कांग्रेस के उतार-चढ़ाव और संगठन की विशेषताओं पर लिया है। उनके पीएचडी के गाइड डॉक्टर इमेनुअल नाहर का कहना है कि चरणजीत सिंह चन्नी एक अच्छे स्कॉलर है और आने वाले 2 महीने के भीतर उनकी पीएचडी सबमिट हो जाएगी और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री रहते हैं उनका वाइवा भी हो जाएगा और वह डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी हो जाएंगे।
इसके अलावा डॉक्टर नाहर ने पुरानी याद ताजा करते हुए कहा कि एक बार चरणजीत सिंह चन्नी दिल्ली में थे और उनको एग्जाम देने के लिए चंडीगढ़ आना था और राहुल गांधी ने उनको स्पेशल अपना हेलीकॉप्टर देकर भेजा था कि आप एग्जाम देकर फिर से वापस आ जाइए। अब देखना होगा चरणजीत सिंह चन्नी राजनीति के कितने बड़े पीएचडी साबित होंगे।