रोहतक | हरियाणा के रोहतक में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 महीने से फरार चल रहे नायब तहसीलदार प्रवीन को गिरफ्तार कर लिया है। प्रवीन पर एक दुकान की डीड करवाने के एवज में ₹1.80 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप था। इस मामले में उसका साथी डीड राइटर साहिल पहले ही रंगेहाथ पकड़ा जा चुका था।
कैसे सामने आया घोटाला?
वर्ष 2024 के अक्टूबर महीने में रोहतक निवासी आनंद ने ACB को शिकायत दी थी कि उसे दुकान की रजिस्ट्री (डीड) करवानी थी, जिसके लिए तहसील कार्यालय में तैनात नायब तहसीलदार प्रवीन ने ₹1.80 लाख की मांग की थी। आनंद ने बताया कि वह पहले ही ₹10,000 रिश्वत दे चुका था।
साहिल को पकड़ ACB ने बिछाया जाल
प्रवीन ने आनंद को कहा कि ₹1 लाख उसके साथी डीड राइटर साहिल को दे दे। इसी सूचना के आधार पर ACB ने योजना बनाई और 9 अक्टूबर 2024 को आनंद को भेजा। जैसे ही साहिल ने पैसे लिए, ACB ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया। वहीं, प्रवीन को भनक लगते ही वह ऑफिस छोड़कर फरार हो गया।
जमानत याचिका भी हुई खारिज
गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रवीन ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। आखिरकार 6 महीने बाद ACB ने उसे रोहतक ऑफिस से ही दबोच लिया।
एक दिन का रिमांड, पूछताछ जारी
ACB टीम ने प्रवीन को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 1 दिन के रिमांड पर लिया गया है। अब उससे यह पूछताछ की जा रही है कि क्या यह संगठित भ्रष्टाचार का हिस्सा था या कोई व्यक्तिगत रिश्वतखोरी।
क्या होती है ‘डीड’?
डीड एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसके जरिए किसी संपत्ति का मालिकाना हक एक व्यक्ति से दूसरे को हस्तांतरित किया जाता है। इसे स्टांप पेपर पर लिखकर सरकारी दफ्तर में रजिस्टर्ड किया जाता है। यह प्रक्रिया राजस्व विभाग के तहत होती है और इसमें तहसील कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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