चंडीगढ़ , 15 मार्च – ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों से आह्वान करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रतिनिधि होने के नाते जनता के प्रति अपनी जिम्मेवारी समझें और गांव के विकास कार्य पारदर्शिता से करवाएं। ई-टेंडरिंग में कोई कठिनाई आएगी तो उसको दूर किया जाएगा। सीएम खट्टर ने कहा कि सरकार ने ई-टेंडरिंग से सरपंचों के हाथ मजबूत किए हैं, इससे विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी और कार्य शीघ्रता से पूरे होंगे। मुख्यमंत्री ने सरपंचों की कोटेशन के आधार पर विकास कार्य की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपए करने की घोषणा की, साथ ही उन्होंने सरपंचों का मानदेय 3 से बढ़ाकर 5 हजार तथा पंचों का भी एक हजार से बढ़ाकर 1600 रुपए करने की घोषणा करते हुए इसको सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर महंगाई भत्ते के साथ जोड़ने की बात कही। भविष्य में सरपंच ग्राम सचिव की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में अपनी टिप्पणी दर्ज कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि इस वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही के लिए आवंटित किए गए 1100 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के प्रस्ताव 31 मार्च 2023 से पहले अपलोड कर दें। इनमें ग्राम पंचायतों को 800 करोड़, ब्लॉक समितियों को 165 करोड़ तथा जिला परिषदों को 110 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। उन्होंने बताया कि अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 पंचायतों ने विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि 2 लाख से कम राशि के 9418 कार्यों के प्रस्ताव मिल चुके हैं, जबकि 2 लाख से अधिक राशि के 1044 कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति उपरांत अपलोड किए जा चुके हैं।
अप्रैल से हरियाणा के सरपंचों का मानदेय ₹3000 से बढ़ाकर ₹5000 तथा पंचों का मानदेय ₹1000 से बढ़ाकर ₹1600 होगा। pic.twitter.com/Ecq32AKBSd
— Manohar Lal (@mlkhattar) March 15, 2023
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की सोशल-ऑडिट के लिए ग्राम स्तर पर मौजिज लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो गांव में होने वाले विकास कार्यों पर नजर रखेगी। विकास एवं पंचायत विभाग के लिए अलग से इंजीनियरिंग विंग भी गठित की जाएगी। विकास कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए 6 माह में सोशल ऑडिट सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा ‘गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण’ की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि विकास कार्य हरियाणा शेड्यूल रेट तथा डीसी रेट के अनुसार किए जाते हैं, अगर कोई सरपंच डीसी रेट से कम रेट में कार्य करवाना चाहता है तो उसकी सूचना खंड एवं विकास अधिकारी कार्यालय के बाहर चस्पा करनी होगी।
मैंने पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता लाकर केवल जनता के प्रति जनता के प्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित की है…
यह हरियाणा के ग्राम विकास में मील का पत्थर साबित होगा। pic.twitter.com/SzMHUy8gcq
— Manohar Lal (@mlkhattar) March 15, 2023
बड़ी पंचायतें एक वित्तीय वर्ष में कुल 25 लाख रुपये तक की राशि के या राज्य वित्त आयोग के कुल अनुदान राशि के 50 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, के कार्य कोटेशन पर करवाए जा सकेंगे। ई-निविदा के माध्यम से करवाए जाने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी कर्मचारी जिम्मेदार होंगे। सरपंच द्वारा करवाए गए विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पूर्ण जिम्मेदारी सरपंच की होगी। उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों पर लगाया जा रहा पंचायत कर बकाया राशि सहित 1 अप्रैल,2023 से पंचायतों को दे दिया जाएगा। इसमें से पंचायतों के लंबित बिजली बिल की कटौती करके हर तिमाही में भुगतान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में संपत्ति की बिक्री पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की राशि ग्राम पंचायत को दी जाएगी।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि जिन पूर्व सरपंचों ने अपना रिकार्ड वर्तमान सरपंच को सुपूर्द नहीं किया है वे इससे तुरंत सौंप दे। उन्होंने बताया कि पंचायतों के पिछले कार्यकाल के 1100 सरपंचों के खिलाफ जांच चल रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि खेत-खलिहानों के चार करम से कम चौड़े रास्ते जिला परिषदों के माध्यम से पक्के करवाए जाएंगे। जिला परिषद को हरियाणा राज्य कृषि विपण बोर्ड की सडक़ों की मरम्मत का कार्य भी सौंपा जाएगा। इसके अलावा, स्वच्छता अभियान के तहत गांवों घर-घर से कुड़ा उठवा कर डिस्पोज करने, स्ट्रीट लाईट, मिड-डे मिल, बस क्यू शैल्टर जैसे कार्य भी दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता करते हुए https://t.co/oWENvqqnDQ
— CMO Haryana (@cmohry) March 15, 2023