बडराई गांव के राजकीय स्कूल में पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया
CHARKHI DADRI KE गांव बडराई (हरियाणा) के राजकीय विद्यालय परिसर से लगभग 20 पेड़ बिना किसी आधिकारिक अनुमति के काट दिए गए। जैसे ही यह जानकारी गांववासियों को मिली, उन्होंने कड़ा विरोध जताया और मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग को शिकायत सौंपी।
स्थानीय युवाओं ने जताया विरोध, स्टाफ की मिलीभगत का लगाया आरोप
ग्रामीणों, विशेषकर युवाओं का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को बिना स्कूल स्टाफ की जानकारी या सहमति के काटा जाना संभव नहीं है। गांव के युवक अमित कुमार, दीपक, सुखबीर, सुनील और अन्य ने बताया कि ये पेड़ छात्रों के लिए छांव का माध्यम थे और गर्मी से राहत देते थे।
उन्होंने यह भी बताया कि पेड़ों को काटने के बाद उन पर मिट्टी डाल दी गई, जिससे लगता है कि साक्ष्य छिपाने की कोशिश की गई है।
वन विभाग की टीम ने लिया मौके का जायजा
शिकायत के बाद वन दरोगा अमित मौके पर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जांच कर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। टीम ने यह भी माना कि बिना अनुमति पेड़ काटना कानूनन अपराध है।
ग्रामीणों ने चेताया – कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे प्रदर्शन
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे स्कूल परिसर और संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सार्वजनिक प्रदर्शन करेंगे। विरोध जताने वालों में अमित, दीपक, सुखबीर, सुनील, प्रदीप, अंकित, संदीप, नवीन, ढिल्लू, सुदेश और संजय सहित कई अन्य ग्रामीण शामिल थे।
गांव में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता, पेड़ों की कटाई पर आक्रोश
बडराई गांव के लोगों में पर्यावरण को लेकर गहरी संवेदना है। युवाओं ने पेड़ काटने की इस घटना को पर्यावरण और विद्यार्थियों के अधिकारों के खिलाफ बताया। उनका कहना है कि स्कूलों में हरियाली विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा और स्वास्थ्य दोनों का माध्यम होती है।
ग्रामीणों की मांग: निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो
ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और जिन लोगों ने पेड़ों की कटाई की है, उन पर जुर्माना एवं कानूनी कार्रवाई हो। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों इसके लिए विद्यालय प्रशासन को भी चेतावनी दी जाए।