नई दिल्ली ।भारत की राजधानी नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को आयोजित हुए जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर पूरी दुनिया में तारीफ कि जारी रही है। इस सम्मेलन की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों ने दिन रात एक कर दिया था। ऐसे में पीएम मोदी ने अब इन पुलिसकर्मियों को बिना थके ईमानदारी से ड्यूटी देने को लेकर तारीफ करते हुए एक तोहफा का इंतजाम किया है।
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने भी रात-दिन एक कर दिया था। पुलिस विभाग ने पूरी दिल्ली को सैन्य छावनी में तब्दील कर दिया था। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने भी राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को अच्छे से कायम रखने के लिए कर्मचारियों की तारीफ की थी। वहीं अब प्रधानमंत्री उन पुलिस कर्मचारियों के साथ डिनर करेंगे जिनकी ड्यूटी जी20 समिट में लगी थी।
जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी 16 सितंबर को पुलिसकर्मियों के साथ डिनर कर सकते हैं। इस डिनर का आयोजन ITPO में किया जाएगा। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने हर जिले से उन पुलिसकर्मियों के नाम मांगे है जिन्होंने G-20 में बेहतरीन काम किया है।
तकरीबन 450 दिल्ली पुलिस के स्टाफ के साथ इस हफ्ते पीएम मोदी डिनर कर सकते हैं। इसके लिए कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टरों तक के नाम मांगे गए हैं, जो इस डिनर में शामिल होंगे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने हर जिले से उन पुलिसकर्मियों के नाम मांगे हैं, जिन्होंने जी20 समिट के दौरान बेहतरीन ड्यूटी दी। इस दौरान दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पीएम मोदी के साथ डिनर करके उन्हें बेहतरीन ड्यूटी करने के लिए बधाई दे सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को G20 शिखर सम्मेलन के अनुभवों के बारे में अपने कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद वह विदेश मंत्रालय के अधिकारियों सहित सभी स्तर के कर्मचारियों से मिलने और बातचीत करने के लिए अचानक सुषमा स्वराज भवन पहुंच गए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे उनके G20 अनुभव पर बात की। पीएम मोदी के नेतृत्व की विश्व नेताओं ने प्रशंसा की है।
भारत की राजधानी में आयोजित जी20 सम्मेलन को सफल माना जा रहा है। इस सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर सदस्य देशों के बीच सहमित बनी है। साथ ही सम्मेलन में भारत, पश्चिमी एशिया और यूरोप के बीच एक आर्थिक कॉरिडोर स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक शुरुआत की गई है। इससे न केवल सभी देश आपस में जुड़ेंगे बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक सहयोग, ऊर्जा के विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी को बल मिलेगा।