चंडीगढ़। हरियाणा लोकसेवा आयोग ने एसचीएस का चौकाने वाला परिणाम घोषित कर दिया है। दरअसल शुरू से ही विवादों के घेरे में घिरी इस भर्ती का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था। इसी बीच आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे 1200 अभ्यर्थियों में से मुख्य परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों के परिणाम घोषित कर दिए हैं। जिसके बाद परिणाम से नाखुश अभ्यर्थियों ने विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा की विभाग ने नियमों के तहत परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया है।
हरियाणा लोकसेवा आयोग ने एसचीएस कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाओं को लेकर हुई मुख्य परीक्षा का परिणाम सोमवार को जारी कर दिया गया। 100 पदों के लिए कुल 1200 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी जिसमें केवल 61 उम्मीदवार ही परीक्षा पास कर पाए।
चुने गए पास अभ्यर्थियों को 9 अक्तूबर से साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। उप पुलिस अधीक्षक पद के लिए परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक माप परीक्षण की तिथि बाद में घोषित होगी। इसके बाद ही भर्ती का अंतिम परिणाम जारी होगा।
शुरुआत से ही विवादों में चल रही एसचीएस भर्ती के लिए 21 मई को प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। इसमें 38 सवाल पिछले साल हुई परीक्षा के हुबूहू दोहरा दिए गए थे। विवाद बढ़ने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा। लेकिन आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे 1200 अभ्यर्थियों के लिए 12 और 13 अगस्त को मुख्य परीक्षा आयोजित की। हरियाणा लोक सेवा आयोग ने साफ कर दिया है कि भर्ती का अंतिम नतीजा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे केस के फैसले पर निर्भर करेगा।
अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल
एक तरफ अभ्यर्थियों ने मुख्य परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठाते हुए पूछा कि ऐसे कैसे हो सकता है कि 1200 में से केवल 61 अभ्यर्थी ही कुल 600 अंकों में 270 अंक प्राप्त कर पाए। नियमों के तहत पदों के तीन गुणा तक अभ्यर्थियों को रखना होता है, लेकिन एचपीएससी ने हर विषय में पास होना और कुल 45 प्रतिशत अंकों की शर्त लगा दी, जिसके चलते शेष अभ्यर्थ भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। दूसरी तरफ इन आरोपों पर आयोग के उप सचिव सतीश कुमार ने कहा कि नियमों के तहत ही परीक्षा परिणाम जारी किया गया है।