हरियाणा के सोनीपत जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पुलिस इंस्पेक्टर पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (VC) से 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप सिद्ध हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए DGP शत्रुजीत कपूर ने आरोपी इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया और गिरफ्तारी के आदेश जारी किए।
कैसे हुआ पूरा खुलासा?
मामला वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (WUD), एजुकेशन सिटी, सोनीपत का है। कुछ समय पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि यूनिवर्सिटी परिसर में अफीम के 400 से अधिक पौधे उगाए जा रहे हैं। जांच के लिए ACP अजीत सिंह की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई, जिसमें इंस्पेक्टर तेजराम और एक अन्य अधिकारी शामिल थे।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए यूनिवर्सिटी की दीवार के पास से करीब 39.750 किलोग्राम अफीम के पौधे जब्त किए। इस मामले में माली संतलाल को गिरफ्तार किया गया, जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि ये पौधे यूनिवर्सिटी के सुपरवाइजर धर्मेंद्र मिश्रा के कहने पर लगाए गए थे।
VC से मांगी रिश्वत, अधिवक्ता के जरिए दी रकम
जांच के दौरान आरोपी धर्मेंद्र फरार हो गया। लोकेशन ट्रेसिंग में उसकी उपस्थिति पंजाब में स्थित यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर संजय गुप्ता के निवास पर पाई गई। इस पर इंस्पेक्टर तेजराम ने VC संजय गुप्ता पर दबाव बनाते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने आरोपी को पनाह दी है। मामला रफा-दफा करने के एवज में इंस्पेक्टर ने 15 लाख रुपये की रिश्वत की मांग रखी।
बताया जा रहा है कि VC संजय गुप्ता ने यह रकम अपने वकील के माध्यम से इंस्पेक्टर को पहुंचा दी। लेकिन जब यह जानकारी DGP शत्रुजीत कपूर तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत पुलिस कमिश्नर नाजनीन भसीन को मामले की जांच सौंप दी। जांच में आरोप सही पाए गए और इंस्पेक्टर तेजराम को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया।
पुलिस विभाग की साख पर सवाल
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस विभाग की साख को भी झटका देती है। वहीं, DGP की ओर से की गई त्वरित कार्रवाई यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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