सोनीपत, 16 सितंबर। सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने सिर्फ दो काम में प्रगति की है। प्रदेश बेरोजगारी और अपराध में तो खूब आगे बढ़ा और देश में अव्वल स्थान पर टिका हुआ है, लेकिन बाकी हर क्षेत्र में हरियाणा पिछड़ गया। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा मंजूर कराई गई रेल कोच फैक्ट्री सोनीपत से वाराणसी जाने का मुझे बहुत बड़ा दुःख है। मारुति ने जैसे गुड़गांव का नक्शा बदला वैसे रेल कोच फैक्ट्री इस पूरे इलाके का नक्शा बदल देती। इसी प्रकार हजारों करोड़ की लागत वाला महम का अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा उत्तर प्रदेश के जेवर में चला गया। एम्स में जो प्रोजेक्ट मैने मंजूर कराये थे वो भी जस के तस पड़े हुए हैं। 7 साल बीतने के बाद भी जहां तक का काम हम कराकर गये थे उसके आगे काम एक इंच नहीं बढ़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें दुःख और हैरानी इस बात का भी है कि केंद्र की भाजपा सरकार एक के बाद एक करके हरियाणा से बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को दूसरे प्रदेशों में ले जाती रही और प्रदेश की भाजपा सरकार तमाशबीन की तरह टकटकी बांधे देखती रही। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज सोनीपत जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमारी सरकार बनने से पहले सोनीपत शहर में कोई गवर्नमेंट कॉलेज तक नहीं था। हमने यहां यूनिवर्सिटी का जाल बिछाया। आजादी के बाद उत्तर भारत का पहला महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर, भगत फूल सिंह महिला यूनिवर्सिटी, दीनबंधु छोटूराम तकनीकी यूनिवर्सिटी मुरथल, राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में आईआईटी दिल्ली का कैंपस, ट्रिपल आईटी किलोड़, निफ्टम, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी, अंबेडर लॉ यूनिवर्सिटी सहित प्राईवेट यूनिवर्सिटी में अशोका यूनिवर्सिटी, एसआरएम यूनिवर्सिटी, जिंदल यूनिवर्सिटी आदि की स्थापना कराई। युवाओं को रोज़गार के पर्याप्त और बेहतर अवसर मिलें इसके लिये खरखौदा में आईएमटी की स्थापना कराई गयी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार में बैठे मंत्रियों, नेताओं का अहंकार सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। शायद यही कारण है कि उन्हें पता ही नहीं कि प्रदेश के युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी दर, 35.7 प्रतिशत का दंश झेलने को मजबूर हैं। पहले यूपी, बिहार से रोजगार की तालाश में लोग हरियाणा आते थे। मगर अब इस सरकार ने नौजवानों को बेरोजगारी की तरफ झोंक दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय हरियाणा प्रति व्यक्ति आय और निवेश में देश का नंबर वन राज्य था, लेकिन मौजूदा सरकार की दिशाहीन नीतियों के चलते हरियाणा में कोई निवेश करने के लिए तैयार नहीं है। निवेश के लिए सरकारी ख़र्च पर की गई बड़ी-बड़ी बिज़नेस समिट और मंत्री-मुख्यमंत्री के विदेश दौरों का नतीजा अब तक ज़ीरो रहा है। प्राईवेट सेक्टर में नौकरी नहीं है, सरकारी क्षेत्र में जो नौकरियां लगनी चाहिए थी लगी नहीं, जो लगी-लगाई थी वो भी जा रही हैं। किसानों को बर्बाद करने में भी इस सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। आज पूरे देश का किसान सड़कों पर है।