माधुरी दीक्षित अपने कई इंटरव्यू में पहली फिल्म मिलने का किस्सा बता चुकी हैं. माधुकी के मुताबिक, जब वह 12वीं की छुट्टियों में सोच रही थीं, क्या नया किया जाए. तब राजश्री प्रोडक्शन अपनी फिल्म अबोध के लिए नए चेहरे की तलाश में थे.
कहा जाता है कि माधुरी की फैमिली ने फिल्म के ऑफर के लिए साफ-साफ मना कर दिया. लेकिन फिर जैसे-तैसे वह माधुरी को राजश्री प्रोडक्शन के ऑफिस लाने के लिए तैयार गुए. वहां माधुरी से हिंदी की कुछ लाइनें पढ़वाई गईं.
इसके बाद माधुरी को सीधे स्क्रीन टेस्ट के लिए बुला लिया गया था. स्क्रीन टेस्ट के बाद माधुरी को अबोध के लिए फाइनल कर लिया गया था.
हालांकि माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. पहली फिल्म के फ्लॉप होने के बाद माधुरी पढ़ाई में वापस लग गईं. माधुरी को एक्टिंग का चस्का लग गया था और फिर उन्होंने 3-4 फिल्मों में काम किया, लेकिन वह भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं चलीं.
डेब्यू के बाद कई फिल्में फ्लॉप होने के बाद माधुरी दीक्षित को सुभाष घई ने एक नया मौका दिया. सुभाष घई ने माधुरी दीक्षित को दोबारा लॉन्च किया और फिर धक-धक गर्ल की एक्टिंग को ट्रैक मिल गया.