हरियाणा।हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का आज आखिरी दिन था। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। जिसके बाद सदन में सहकारी परियोजनाओं में हुए 500 करोड़ के घोटाले को लेकर पक्ष -विपक्ष में हंगामा हुआ। जिस पर सीएम मनोहर लाल ने घोषणा करते हुए कहा कि एसीबी के अंतर्गत एक अलग टास्क फोर्स बनाई जाएगी ,जो केवल सहकारी समितियों की अनियमितताओं की जांच करेगी। इसके बाद सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद हो गयी है।
अभय चौटाला ने उठाया मुद्दा
सदन में आज सहकारिता विभाग में हुए घोटाले पर विपक्ष द्वारा पेश किये गए ध्यानाकर्षन प्रस्ताव पर चर्चा की गयी। इस मुद्दे को लेकर सबसे पहले इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा कि सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि वह अब इसका ऑडिट करवा रहे हैं।सालों से इसका ऑडिट नहीं हुआ है। सरकार क्या कर रही थी? मंत्री को बताना चाहिए कि सहकारिता विभाग में लंबे समय से ऑडिट नहीं होने का क्या कारण है?जिन लोगों के नाम घोटाले में सामने आए हैं उनके क्या कार्रवाई की गई? सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है?जो लोग इस घपले में शामिल है, उनके नाम सामने ले जाएं और उन पर कार्रवाई हो। सरकार ने लीपा पोती के लिए 1990 से ऑडिट के आदेश जारी की है।
सहकारिता मंत्री बोले- जांच जारी
इस पर जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि इस मामले में कई अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।सहकारिता विभाग में हुई इस गड़बड़ी की जांच एसीबी ने की है और कार्रवाई की गई है। बनवारी लाल ने कुछ सहकारी समितियों ने गड़बड़ी की है लेक़िन जैसे ही गड़बड़ी की शिकायत विभाग को मिली जांच के बाद कार्रवाई हुई है।
कांग्रेस MLA ने बताया 500 करोड़ का घोटाला
कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने कहा 4 जिलों में 100 करोड़ का घोटाला सामने आया है, लेकिन ये घोटाला 500 करोड़ का है। एमडी नरेश गोयल पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।2022 में शिकायत आई थी, लेकिन इसकी जांच में दो साल कैसे लग गए। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा मंत्री के जवाब से साफ है, भ्रष्टाचार के आरोप लगें हैं, उन्हें कैसे बचाया जाया।INLD विधायक अभय ने कहा सरकार ने माना है सहकारिता विभाग में 100 करोड़ का घोटाला है और मंत्री जी के जिले में 22 करोड़ का घोटाला है।
CM बोले- दोषी अधिकारियों की प्रॉपर्टी, बैंक अकाउंट सील किए
सदन में सहकारिता घोटाले को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सीएम मनोहर लाल ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि बहुत साल हो चुके हैं। ऑडिट में जो कमियां मिलीं उनके ऊपर संज्ञान लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया।शुरुआत में 4 जिलों में सहकारी विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में करीबन 9 करोड रुपए का घपला सामने आया है। जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्तियों और बैंक अकाउंट सील कर दिए गए हैं।एंटी करप्शन ब्यूरो घोटाले की जांच कर रही है सैकड़ों सहकारिता एजेंसियां हैं, उन सभी की जांच होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से परियोजनाओं के लिए 328 करोड रुपए मिले थे, जिनमें से करीबन 260 करोड रुपए का ही इस्तेमाल होने की बात सामने आ रही है। 70 करोड़ रुपए अभी भी सहकारिता विभाग के पास हैं।