रोहतक। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में मंगलवार को तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा जी को डी लिट की उपाधि एवम् 11पी एच डी शोधार्थियों व 10 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक व डिग्रियां मंच पर और अन्य लगभग 2100 डिग्रियां समूह में वितरित की गई। दीक्षांत समारोह के दौरान विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा चौधरी मंत्री कंवर पाल , कुलाधिपति महंत बाबा बालक नाथ जी, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, राजस्थान मंडावर विधायक मनजीत चौधरी और अलवर शहर विधायक संजय शर्मा, प्रति कुलाधिपति डॉ अंजना राव, वाइस चांसलर प्रोफेसर आर एस यादव, रजिस्ट्रार डॉ मनोज कुमार वर्मा उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह का मंच संचालन डॉक्टर पल्लवी भारद्वाज और डॉक्टर रीना, डॉक्टर सोनिया सरोहा, डॉ प्रमिला मलिक ने किया।
माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी ने अपने संबोधन में कहां की नवनियुक्त उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद मेरी पहली यात्रा हरियाणा के रोहतक में रही। हरियाणा में आने के बाद दीनबंधु सर छोटू राम जी की पावन भूमि पर आकर उनके मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने कहा कि जैसे ही बाबा मस्तनाथ मठ की तपोभूमि पर कदम रखा तो एक अलग ही अनुभूति का एहसास हुआ। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में अनुशासन और देशभक्ति की झलक देखने को मिली। बहुत ही खुशी की बात है इस संस्थान के अंदर सैनिक स्कूल की स्थापना भी हो रही है। रोहतक आने की उत्सुकता इतनी बड़ी थी मैं पैदल भी रोहतक आ सकता था। हरियाणवी संस्कृति की छटा पर लगी झांकी ने बचपन की यादें ताजा कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि वह रोहतक आने के लिए इतने उत्सुक थे कि वह एयरपोर्ट पर काफी पहले आ चुके थे। लेकिन मौसम ने साथ नहीं दिया तो सड़क के रास्ते से आपके बीच पहुंचा हूं। हरियाणा के अंदर देश सेवा के प्रति हरियाणा खेल प्रतिभा की भी अलग से छटा देखने को मिलती है। सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के साथ-साथ उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं भी देता हूं कि उन्हें जीवन के हर ऊंचाइयों पर जाने का अवसर प्रदान हो। मेरे लिए यह अत्यंत खुशी का दिन है की हरियाणा रोहतक के प्रवास पर पहली बार आया हूं और पहली यात्रा ही बाबा मस्तनाथ की तपोभूमि पर हुई।
विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने अपने संबोधन में बताया कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों में संकाय सदस्यों के लिए विशेष महत्व रखता है। क्योंकि इस दिन विधार्थी शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू करते हैं। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के मांगों को बढ़ाने में किए जा रहे प्रयास काफी सराहनीय है। विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ एक जिम्मेदार, सचेत और सक्रिय नागरिक बनने के लिए तैयार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीन पद्धति है इसे हमें जरूर अपनाना चाहिए। आयुर्वेद पद्धति यह पता करती है कि आपकी आयु कैसे लंबे हो। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर सभी विद्यार्थियों शिक्षकों और प्रबंधन मंडल के पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बाबा बालक नाथ भाषण देते हुए और अपने गुरु की महिमा को याद कर भावुक हो गए उन्होंने कहा कि प्राचीन समय से ही बाबा मस्तनाथ मठ का इतिहास उल्लेखनीय व प्रशंसनीय रहा है। शिक्षा चिकित्सा राजनीति धर्म अध्यात्म सामाजिक सेवा आदि के क्षेत्र में इस मठ ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। परम संत शिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी महाराज की तपोस्थली की पावन धरा पर गुरु योगीराज श्रीयुत महंत श्रेयोनाथ जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लगाए गए पौधे को गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ जी योगी ने अपनी कठोर मेहनत, लगन एवं कर्मठता से एक वट वृक्ष का रूप प्रदान किया। बाबा मस्तनाथ मठ के महंत एवं बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति, ब्रह्मलीन महंत चांद नाथ जी योगी ने विधेयम जन सेवनम की भावना से वर्ष 2012 में रोहतक के अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना की। वर्तमान समय में यहां 10 संख्याओं के अंतर्गत 80 से भी अधिक पाठ्यक्रम संचालित है। उन्होंने बताया कि शिक्षा का संसार बड़ा व्यापक है। शिक्षा प्राप्त करके ही व्यक्ति जीवन व्यापी अनेक संदर्भ एवं आयामों से जुड़ता है। मनुष्य के सर्वांगीण विकास में शिक्षा की अहम भूमिका है। शिक्षा के अभाव में हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। शिक्षा के माध्यम से हम समय का ही नहीं अपितु संपूर्ण राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर डिन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ रवि राणा, चिकित्सा प्रभारी डॉ ललित कुमार, डॉ नीरज कुमार खरे, डॉ बीएस यादव, डॉक्टर अरुणाचल, डॉक्टर अनिल कनवा, डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता, डॉक्टर देवेंद्र वशिष्ठ, डॉ नवदीप बिसला, सोनिया सरोहा, डॉक्टर हरिओम, डॉक्टर अनिल, एडवाइजर ओपी सचदेवा, डॉ कृष्णा देवी, डॉ पवन जलवाल, डॉ ऋतु एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक और विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं अलवर सांसद बालकनाथ जी योगी ने एवम प्रति कुलाधिपति डॉ अंजना राव, कुलपति डॉ आर एस यादव, कुलसचिव डॉ मनोज कुमार वर्मा ने डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉक्टर नवीन कुमार परीक्षा नियंत्रक डॉ मुकेश सिंगला आदि ने विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपाधियां वितरित की।
दीक्षांत समारोह में मानविकी संकाय के प्रतिभाशाली छात्र – छात्राओं नें हरियाणवी संस्कृति झांकी का प्रदर्शन किया।
विभिन्न शैक्षणिक विभागों द्वारा अलग-अलग थीमों पर आकर्षण झांकियों का उपराष्ट्रपति ने किया निरीक्षण
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान अलग-अलग शैक्षणिक विभागों द्वारा लगाई गई झांकियां आकर्षण का केंद्र बनी रही। धर्म क्षेत्र और कुरुक्षेत्र के तहत भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए झांकी में दिखाई गए, जिसकी उपराष्ट्रपति ने खूब तारीफ की।
महंत बाबा बालक नाथ ने सफाई कर्मियों का किया धन्यवाद
महंत बाबा बालक नाथ ने दीक्षांत समारोह के समापन के दौरान सफाई कर्मचारियों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारियों के बगैर कोई भी प्रोग्राम सफल नहीं होता।