चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना-2025 लागू कर दी है। इस योजना के तहत गवाहों को कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी, वे बिना आरोपियों के आमने-सामने आए अपना बयान दर्ज करा सकेंगे।
गृह विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी, जिसे हरियाणा की गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने मंजूरी दी है। यह योजना मृत्यु, आजीवन कारावास, या सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों से जुड़े गवाहों पर लागू होगी।
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Toggleगवाहों की सुरक्षा के लिए तीन श्रेणियां
इस योजना के तहत गवाहों को धमकी की आशंका के आधार पर तीन श्रेणियों (कैटेगरी) में बांटा गया है:
🔴 कैटेगरी A:
➡️ जिन गवाहों या उनके परिवार को जाँच और ट्रायल के दौरान जान का खतरा हो सकता है।
🟠 कैटेगरी B:
➡️ जिन मामलों में गवाहों के अलावा अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति को खतरा हो सकता है।
🟢 कैटेगरी C:
➡️ जिन गवाहों या उनके परिवार को मध्यम स्तर की धमकी या उत्पीड़न का खतरा हो।
गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
✔️ गवाहों की ईमेल और टेलीफोन कॉल की निगरानी की जाएगी।
✔️ टेलीफोन कंपनियों के साथ टाईअप कर नए और अनलिस्टेड नंबर दिए जाएंगे ताकि उनकी पहचान छुपी रहे।
✔️ गवाहों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा उपकरण जैसे सीसीटीवी, अलार्म, बाड़, दरवाजे आदि लगाए जाएंगे।
✔️ जरूरत पड़ने पर गवाहों को पर्सनल सिक्योरिटी, अंगरक्षक और पीसीआर वैन की गश्त का प्रबंध किया जाएगा।
इस योजना के तहत गवाहों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और वे बिना किसी दबाव या डर के अपने बयान दर्ज करवा सकेंगे।
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