ALAKH HARYANA NEWS चंडीगढ़, 23 फरवरी: वीरवार को हरियाणा सरकार द्वारा विधान सभा में पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा बजट में आंकड़ों की बाजीगरी करने के अलावा कुछ नहीं किया बल्कि जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है।
भाजपा गठबंधन सरकार ने बुजुर्गों की पेंशन में पिछले साल 250 रूपए की बढौतरी न करके प्रदेश के प्रत्येक बुजुर्ग का तीन हजार रूपए का आर्थिक नुकसान किया है। पिछले साल के मुकाबले कुल बजट में जो 11 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है, वह वास्तव में 3.63 प्रतिशत की वृद्धि है। क्योंकि पिछले साल का बजट अनुमान को संशोधित किया गया था। 2023-24 का कुल बजट एक लाख 83 हजार 949 करोड़ रूपए है जिसमें 35 हजार 220 करोड़ रूपए कर्ज की अदायगी में चली जाएगी जो कुल बजट की लगभग 20 प्रतिशत बनती है। 2022-23 में प्रदेश पर कुल कर्ज बजट अनुमान में 2 लाख 43 हजार 779 करोड़ रूपए रखा था जिसमें 13 हजार करोड़ रूपए का संशोधन करके वास्तव में यह राशि दो लाख 56 हजार 265 करोड़ रूपए हो गई। अब 2023-24 के बजट अनुमान में कर्ज की जो राशि दो लाख 85 हजार 885 करोड़ रूपए दर्शाई गई है उससे लगता है कि यह कर्ज तीन लाख करोड़ को भी पार कर जाएगा।
इस वर्ष के बजट में सामाजिक सेवाओं के मदों में भारी कटौती की गई है। शिक्षा के मद में पिछले वर्ष 11.22 प्रतिशत रखा गया था जिसे इस वर्ष घटा कर 10.97 प्रतिशत किया गया है। सामाजिक कल्याण एवं पोषण के मद में पिछले वर्ष 6.82 प्रतिशत रखा था जो इस वर्ष घटा कर 6.79 प्रतिशत का प्रावधान किया है। इसी प्रकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में मद में पिछले वर्ष 4.75 प्रतिशत का प्रावधान था जिसे इस वर्ष घटा कर 4.74 प्रतिशत कर दिया है। सामाजिक सेवाओं की अन्य मदों में पिछले वर्ष 6.66 प्रतिशत का प्रावधान था जिसमें इस वर्ष भारी कटौती करते हुए 5.30 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया है।
कृषि तथा इससे संबंधित सेवाओं के मद में पिछले वर्ष जो प्रावधान किया गया था उसमें संशोधन होने के कारण उसमें इस वर्ष 11 प्रतिशत की कटौती की गई है जो किसानों के हितों पर कुठाराघात है। इसी प्रकार ग्रामीण विकास के मद में भी 38 प्रतिशत की कटौती की गई है। सामान्य सेवाओं के अन्य मदों में पिछले वर्ष 2.75 प्रतिशत के प्रावधान के मुकाबले इस वर्ष 1.44 प्रतिशत रखा गया है।कुल मिला कर 2023-24 के बजट से सामाजिक सेवाओं, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, कृषि तथा इससे संबंधित सेवाएं एवं सामान्य सेवाओं की अन्य मदों में भारी कटौती कर आम जनता के हितों की अनदेखी की गई है।